सुप्रीम कोर्ट ने अपनी उस टिप्पणी को वापस लेने से इनकार कर दिया है, जिसमें उसने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ न्यायाधीशों के रिश्तेदार अपने रिश्तों का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा था कि कहीं कुछ "स़ड गया" है और सफाई की जरूरत है।
जस्टिस मार्कडे्य काटजू की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, वह अपने 26 नवम्बर के फैसले के सम्बंध में एक स्पष्टीकरण जारी करेगी। उसी फैसले में उक्त विवादास्पद टिप्पणी की गई थी। हाईकोर्ट की एक फुल बेंच के निर्णय के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की इस प्रतिकूल टिप्पणी पर आपत्ति की थी। सुप्रीमकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अंदरूनी सफाई के लिए कुछ क़डे कदम उठाने के लिए कहा था।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि कुछ न्यायाधीशों के रिश्तेदार अपने रिश्तों का नाजायज फायदा उठा रहे हैं और उसके जरिए ऎशोआराम की जिंदगी जी रहे हैं। सुप्रीमकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट पर यह टिप्पणी तब की थी, जब हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को निर्देश दिया था कि वह उत्तरप्रदेश के बहराइज जिले में स्थित वक्फ की जमीन राजा खान को सर्कस और झूले चलाने के लिए दे दे। सिंगल बेंच के इस फैसले को हाईकोर्ट की ही एक बेंच ने दरकिनार कर दिया था। उसके बाद राजा खान ने बेंच के आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीमकोर्ट ने बेंच के फैसले को बरकरार रखा था और कहा था कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा पारित आदेश गलत इरादों के तहत था।

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