मार्क ज़ुकरबर्ग बने गिविंग प्लेज के सदस्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

मार्क ज़ुकरबर्ग बने गिविंग प्लेज के सदस्य


फेसबुक के संस्थापक 26 वर्षीय मार्क ज़ुकरबर्ग भी अब उन खरबपतियों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अपनी संपत्ती का एक बड़ा हिस्सा दान करने का फैसला किया है.
मार्क अब उन 17 लोगों में शामिल हैं जो वॉरेन बफेट और बिल गेट्स की ओर से शुरु किए गए उस क्लब के सदस्य बन गए हैं जो अमरीका के सबसे अमीर लोगों को अपनी संपत्ती का कुछ हिस्सा दान करने के लिए प्रेरित करता है. मार्क इस क्लब के सबसे कम उम्र सदस्य हैं. इससे पहले वो न्यूज़र्सी के कुछ स्कूलों को 10 करोड़ डालर दे चुके हैं.
अपने एक वक्तव्य में उन्होंने लिखा, '' दान और समाज-सेवा की शुरुआत लोग अपने करियर में काफी देर से करते हैं, लेकिन अगर आपके पास देने के लिए कुछ है और इतना कुछ करने की चुनौती सामने है तो अभी से शुरुआत करने में क्या हर्ज़ है.'' उन्होंने कहा, ''कम उम्र के लोग तेज़ी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं. ऐसे में हमारे पास ये मौका है कि अपने जीवित रहते समाज को काफी कुछ लौटा सकें.''   
माना जाता है कि मार्क के पास लगभग 6.9 खरब डॉलर की संपत्ती है. अमरीका के सबसे अमीर लोगों की सूची में फोर्बस पत्रिका ने उन्हें 35वां स्थान दिया है. ‘गिविंग प्लेज’ नाम के इस क्लब की शुरुआत इस साल जनवरी में की गई है. इस साल अगस्त महीने में ही ये घोषणा की गई थी कि 40 लोगों और परिवारों ने इसके तहत अपनी संपत्ती दान करने की शपथ ली है.
अमरीका के कुछ अमीर गुमनाम तरीके से दान चाहते हैं लेकिन ‘गिविंग प्लेज’ नाम का यह क्लब कहता है कि लोगों को खुलकर सबके सामने दान करना चाहिए. ‘गिविंग प्लेज’ के अनुसार, ''रिसर्च ये कहती है कि कि लोगों को जब ये पता चलता है कि और लोग भी दान दे रहे हैं तो वो भी दान करने के लिए प्रेरित होते हैं.'' वॉरेन और गेट्स अपनी इस मुहिम को अमरीका के बाहर भी ले जाना चाहते हैं. माना जा रहा है वो दुनियाभर के खरबपतियों को अपनी इस कोशिश से जोड़ना चाहते हैं.

कोई टिप्पणी नहीं: