कोलकाता के एक स्कूल में पढ़ने वाले रोवनजीत की खुदकुशी के मामले में हाई कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में प्रिंसिपल सुनिर्मल और तीन टीचर्स को दोषी माना है। रोवनजीत (13) की खुदकुशी के बाद प्रिंसिपल और टीचर्स पर आईपीसी की धारा 305 के तहत मामला दर्ज हुआ था। धारा 305 में यह व्यवस्था की गई है कि अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को खुदकुशी करने पर मजबूर करता है या उकसाता है तो उसे आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा हो सकती है।
13 वर्षीय रोवनजीत रावला ने 12 फरवरी, 2010 को आत्महत्या कर ली थी। कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग ने ला मार्तिनिए स्कूल के प्रिंसिपल और 3 अन्य टीचरों की गिरफ्तारी की थी। रोवनजीत रावला को स्कूल में प्रिंसिपल ने बेंत से मारा था, जिसके बाद 12 फरवरी को बच्चे ने आत्महत्या कर ली थी। हालांकि इस घटना के बाद प्रिंसिपल ने कहा था कि इस स्टूडेंट के अलावा 2 और छात्रों को भी सजा दी गई थी। बाद में स्कूल के प्रिंसिपल सुनिर्मल चक्रवर्ती ने पहले ही माफी मांग ली थी, लेकिन बच्चे के पिता अजय रावला ने प्रिंसिपल और दूसरे टीचर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बच्चे की मौत के लिए माफी मांग लेना काफी नहीं है और स्कूल को इस अपराध की कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
रॉवनजीत के पिता ने इस साल जून में FIR दर्ज की थी। इस गिरफ्तारी को जीत की संज्ञा देते हुए रोवनजीत के पिता अजय रावला ने कहा कि सभी लोगों को उचित सजा मिलनी चाहिए, ताकि दूसरे लोग कभी ऐसा करने की हिम्मत न कर सकें और बच्चों को कभी ऐसी सजा न मिले। बाल अधिकार संरक्षण राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस मामले में जून में एक जांच के बाद स्कूल और शिक्षकों को दोषी ठहराते हुए उनके सस्पेंशन की अनुशंसा की थी।
13 वर्षीय रोवनजीत रावला ने 12 फरवरी, 2010 को आत्महत्या कर ली थी। कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग ने ला मार्तिनिए स्कूल के प्रिंसिपल और 3 अन्य टीचरों की गिरफ्तारी की थी। रोवनजीत रावला को स्कूल में प्रिंसिपल ने बेंत से मारा था, जिसके बाद 12 फरवरी को बच्चे ने आत्महत्या कर ली थी। हालांकि इस घटना के बाद प्रिंसिपल ने कहा था कि इस स्टूडेंट के अलावा 2 और छात्रों को भी सजा दी गई थी। बाद में स्कूल के प्रिंसिपल सुनिर्मल चक्रवर्ती ने पहले ही माफी मांग ली थी, लेकिन बच्चे के पिता अजय रावला ने प्रिंसिपल और दूसरे टीचर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बच्चे की मौत के लिए माफी मांग लेना काफी नहीं है और स्कूल को इस अपराध की कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
रॉवनजीत के पिता ने इस साल जून में FIR दर्ज की थी। इस गिरफ्तारी को जीत की संज्ञा देते हुए रोवनजीत के पिता अजय रावला ने कहा कि सभी लोगों को उचित सजा मिलनी चाहिए, ताकि दूसरे लोग कभी ऐसा करने की हिम्मत न कर सकें और बच्चों को कभी ऐसी सजा न मिले। बाल अधिकार संरक्षण राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस मामले में जून में एक जांच के बाद स्कूल और शिक्षकों को दोषी ठहराते हुए उनके सस्पेंशन की अनुशंसा की थी।
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