बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही। इसकी वजह से राज्य में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति बदतर हो रही है। इधर, सरकार हड़ताल पर गये जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने के प्रयास कर रही है।
राज्य में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के बाद अस्पतालों में नये मरीजों का आना काफी कम हो गया है वहीं भर्ती मरीजों का भी पलायन हो रहा है। उधर, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव डा़ धीरज ने बताया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि उनका मकसद हड़ताल कर लोगों की परेशानी बढ़ाना नहीं है बल्कि उन लोगों को सजा दिलाना है जिन्होंने चिकित्सकों पर गोली चलाई थी। इसबीच पटना के इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान (आईजीआईएमएस) के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर भी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में बुधवार को एकदिवसीय हड़ताल पर चले गये। डा़ धीरज ने कहा कि अगर जूनियर डॉक्टरों की मांगें पूरी नहीं होती हैं तो ये डॉक्टर नियमित हड़ताल पर भी जा सकते हैं।
इधर, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन की 25 चिकित्सकों की मांग पर सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 20 चिकित्सक पीएमसीएच भेजे हैं। पटना के सिविल सर्जन आऱ क़े चौधरी ने बुधवार को बताया कि जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण परेशानी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में 20 चिकित्सक भेजे गये हैं।
इस बीच राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हड़ताल पर गये जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि आरोपी विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव की गिरफ्तारी शीघ्र होगी। चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए सरकार वचनबद्घ है।
उल्लेखनीय है कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमसीएच) में रविवार देर रात बेलागंज के विधायक यादव के दो सुरक्षाकर्मियों द्वारा कथित तौर पर गोली चलाये जाने से तीन जूनियर डॉक्टर घायल हो गये थे। इस घटना के विरोध में राज्य के सभी छह मेडिकल कॉलेज के जूनियर डाक्टर हड़ताल पर चले गये हैं। पुलिस ने दोनों सुरक्षाकर्मियों को निलम्बित करते हुए गिरफ्तार कर लिया है तथा विधायक को भी गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया है।
बुधवार, 2 फ़रवरी 2011
बिहार में हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा चरमराई.
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