संदीप पाण्डेय ने सम्मान सरकार को लौटाया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

संदीप पाण्डेय ने सम्मान सरकार को लौटाया.

जाने-माने समाजसेवी और रैमन मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे ने भारत सरकार की ओर से दिया गया रोजगार जागरूकता अवार्ड वापस कर दिया है। उन्हें यह अवार्ड लोगों में सरकार के मनरेगा परियोजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए दिया गया था। इसमें प्रशस्ति-पत्र और 44 हजार रूपए दिए जाते हैं।

साल 2009 में संदीप पांडेय को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एनआरईजीएस के अंतर्गत विशेष पुरस्कार दिया गया, जिसके साथ 44,000 रुपये की धनराशि भी शामिल थी. अब ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख के नाम एक पत्र में यह राशि वापस करते हुए उन्होंने पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है, क्योंकि पुलिस की उपस्थिति में एक दलित मजदूर को पीटे जाने की घटना पर उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

अपने पत्र में संदीप पांडेय ने फिर एक बार उस घटना का उल्लेख करते हुए लिखा है कि हरदोई जिले का एक खेत मजदूर जब पगार के मामले में एनआरईजीएस के कागजातों को देखने के लिए पहुंचा, तो पंचायत प्रधान के पति घनश्याम ने पुलिस की उपस्थिति में बुरी तरह उसकी पिटाई की. इसके अलावा घनश्याम ने पंचायत की 6 लाख 20 हजार रुपये की राशि अपने खाते में जमा कर ली. इन अनियमितताओं के बारे में जानकारी देने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. घनश्याम बहुजन समाज पार्टी के एक स्थानीय नेता हैं.

यह पुरस्कार एक ऐसे दिन पर लौटाया गया है, जबकि सरकार एनआरईजीएस की पांचवीं वर्षगांठ मना रही है. साथ ही, इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि दलितों के साथ भेदभाव के मामले में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं है.

कोई टिप्पणी नहीं: