मांगे न मानी तो 12 से जेल भरो आन्दोलन. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

मांगे न मानी तो 12 से जेल भरो आन्दोलन.

अन्ना हजारे ने शुक्रवार को घोषणा की कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो 13 अप्रैल से जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। उन्होंने यह बाद शुक्रवार सुबह लोगों को संबोधित करते हुए तब कहा जब समाजसेवी अरविंद केजरीवाल ने कपिल सिब्बल के संदेश को पढ़कर सुनाया कि सरकार ने जन लोकपाल विधेयक के लिए अधिसूचना जारी करने तथा किसी बाहर के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की मांग को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासन के समय बनाए गए कमजोर कानून और सत्ता का केंद्रित ढांचा भ्रष्टाचार के कारण हैं। अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने किसी पद की लालसा में यह आंदोलन शुरू नहीं किया और वह लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए बनाई जाने वाली समिति का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उन्होंने इस समिति का सदस्य बनने से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी धन और प्रसिद्धि को वरीयता नहीं दी बल्कि मानव सेवा को ही ईश्वर की पूजा माना है।

उन्होंने कहा कि देश में हर तरफ भ्रष्टाचार व्याप्त है क्योंकि भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनाई गई सभी एजेंसियां सरकार के तहत काम करती हैं और यह अपना काम करने के लिए स्वतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं किया जाना भ्रष्टाचार का कारण है। लोकपाल की स्थापना होने पर विकेंद्रीकरण होगा और इससे वास्तविक लोकतंत्र स्थापित होगा।

अन्ना ने कहा कि देश में वास्तविक लोकतंत्र नहीं है। अभी जनता पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए जाते हैं। जब जनता सरकार पर नियंत्रण करने के लिए कानून बनाएगी तब वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना होगी और ऐसा करने के लिए जनआंदोलन जरूरी है। अन्ना ने कहा कि जब तक मेरे शरीर में प्राण हैं तब तक मेरा यह अनशन जारी रहेगा और आखिरी सांस तक यह लड़ाई लडूंगा।

सख्त लोकपाल विधेयक की मांग कर रहे गांधीवादी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का आमरण अनशन शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है। अनशन के तीसरे दिन गुरुवार को सरकार और अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत में कुछ ठोस नतीजा निकलकर सामने नहीं आया। गुरुवार देर शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अन्ना हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की लेकिन वह अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

जन लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए सामाजिक संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति बनाने की मांग को लेकर अन्ना हजारे का अनशन चौथे दिन भी जारी है। इस बीच उन्हें देश विदेश से व्यापक समर्थन मिल रहा है। जैसे-जैसे उनके आंदोलन के दिन बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे उनके साथ लोग जुड़ते जा रहे हैं। जो जहां है वहीं से अन्ना का अपने-अपने तरीके से समर्थन कर रहा है।

अन्ना हजारे के इस अनशन को मिल रहे समर्थन से हलकान हुई सरकार की तरफ से केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को बातचीत का जिम्मा सौंपा गया तो अन्ना हजारे की तरफ से समाजसेवी स्वामी अग्निवेश और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल आगे आए।

इनके बीच दो दौर की बातचीत हुई और इस बातचीत में कुछ मुद्दों पर सहमति तो बनी लेकिन दो प्रमुख मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी। गुरुवार दोपहर 1.30 बजे सिब्बल और स्वामी अग्निवेश तथा अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बातचीत में संयुक्त समिति के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने और समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाए जाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई।

सरकार बिना अधिसूचना जारी किए एक संयुक्त समिति बनाने पर सहमत हो गई है, लेकिन अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों की मांग थी कि इसके लिए सरकार बाकायदा अधिसूचना जारी करे। इसके अलावा संयुक्त समिति का अध्यक्ष अन्ना हजारे को बनाया जाए। हालांकि अन्ना हजारे ने कहा है कि वह समिति का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उनका कहना था कि वह यदि समिति के अध्यक्ष बन गए तो लोग यह समझ बैठेंगे कि उन्होंने इसके लिए ही आमरण अनशन किया था।

कोई टिप्पणी नहीं: