रांची में अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसक झड़प. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 6 अप्रैल 2011

रांची में अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसक झड़प.

रांची पॉलीटेक्निक की जमीन पर बसे इस्लामनगर से मंगलवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई। गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई। पथराव व लाठीचार्ज में 26 पुलिसकर्मियों सहित 41 लोग घायल हो गए। उग्र लोगों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का प्रयोग किया। लाठियां भी भांजी। भीड़ ने भी पथराव किया और गोलियां चलाईं।

पॉलीटेक्निक गेट के पास धरने पर बैठे केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और मेयर रमा खलखो सहित अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में इन्हें रिहा कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने 300 से अधिक अवैध मकानों को ध्वस्त कर दिया। पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिग कराई गई है। पॉलीटेक्निक की 28 एकड़ जमीन में से 20 एकड़ पर अवैध कब्जा है।

कार्रवाई का विरोध कर रहे लोगों ने सुबह आठ बजे ही चर्च रोड, पुरुलिया रोड, बहू बाजार व मेन रोड की दुकानें बंद कराना शुरू कर दिया था। टायर जलाकर रास्ते बंद कर दिए। वहां से गुजर रहे वाहनों के शीशे तोड़े व मेन रोड पर लोगों को जमकर पीटा। करीब नौ बजे केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, मेयर रमा खलखो सहित अन्य नेता धरने पर बैठ गए। 10 बजते ही जिला प्रशासन पांच बुलडोजरों व बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ विक्रांत चौक पहुंचा। उन्हें देखते ही कर्बला चौक पर जमा भीड़ उग्र हो गई। चौक पूरी तरह रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और गोलियां चलाईं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी व पानी की तेज बौछारें की। लाठीचार्ज व रबड़ की गोलियां भी चलाईं। रबड़ की गोली लगने से डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव घायल हो गए।

सुबोधकांत सहित कई नेताओं पर भी लाठियां चलीं। इसके बावजूद भीड़ काबू में नहीं आई। पुलिस पर बम फेंकने शुरू कर दिए। इस पर पुलिस ने हवाई फायरिंग की। फिर भी लोग नहीं माने। मजबूरन पुलिस को उग्र भीड़ पर गोली चलानी पड़ी। दोनों ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई। इससे भगदड़ मच गई। इस दौरान पेट में गोली लगने से ऑटो चालक आरजू तमन्ना उर्फ गोल्डन (26) की मौत हो गई। इसके बाद भीड़ मौके से भाग गई। जवानों ने हर गली को कब्जे में ले लिया। एसएसपी प्रवीण कुमार, सिटी एसपी शंभू ठाकुर, एसडीओ शेखर जमुआर के नेतृत्व में अवैध कब्जों को ढहाने की कार्रवाई शुरू हुई। पांच घंटे में करीब 300 मकान गिरा दिए गए। इसके बाद सीआरपीएफ के जवानों ने वहां फ्लैग मार्च किया। सुरक्षाबल के 200 से अधिक जवान क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं। 

हाईकोर्ट ने शहर से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। इसी पर अमल करते हुए प्रशासन ने पहले नागाबाबा खटाल से अतिक्रमण हटाया। मंगलवार को इस्लामनगर में कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की। यहां लगभग सात हजार अवैध मकान हैं, जिनमें हजारों लोग रहते हैं। एक अप्रैल से लोग घर खाली करने लगे थे। सोमवार देर रात तक यह काम जारी था। लेकिन नेताओं के बहकावे में आकर कुछ लोग उग्र विरोध करने लगे। उनको आश्वासन दिया गया कि जब तक हम यहां हैं, घर गिरने नहीं देंगे।

 
बुधवार सुबह 7 बजे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होगी। इसके लिए लगभग पांच सौ पुलिस कर्मियों की व्यवस्था की गई है। इस मामले में प्रशासन का प्रयास होगा कि झड़प में मारे गए युवक के शव का पोस्टमार्टम देर से हो, ताकि शव क्षेत्र में आने से माहौल खराब न हो। मामले से सरहुल पर्व की शोभा यात्रा में किसी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए प्रशासन तैयार है। इस्लाम नगर के मोहम्मद शकील ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। सुनवाई में अगर स्टे मिलता है तो कार्रवाई रुक भी सकती है।

विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रशासन और सरकार ने प्रयास नहीं किए। इससे लोगों में आक्रोश है। इस्लामनगर से लगभग 15 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। इनके रहने, खाने की व्यवस्था नहीं है। नागाबाबा खटाल के विस्थापित भी सड़क पर दिन रात गुजारने को विवश हैं। कई परिवार अपने गांव लौट गए। मजिस्ट्रेट के बयान पर चुटिया थाने में एक और लोअर बाजार थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। घायलों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। लोअर बाजार थाने में दर्ज प्राथमिकियां कर्बला व विक्रांत चौक पर हुई झड़प के मामले की हैं। चुटिया थाने में बहूबाजार, कांटाटोली व सुजाता सिनेमा के पास बवाल मचाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज है। कुल 17 लोगों को हिरासत में लिया गया जिनमें से सुबोधकांत सहाय, हाजी जुबेर भाई, उदय शंकर ओझा आदि को छोड़ दिया गया।  हाईकोर्ट ने मंगलवार को आरआरडीए को 20 अप्रैल तक अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी है। कहा है कि इस दौरान आरआरडीए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करे अन्यथा अफसरों को अक्षम घोषित करने पर कोर्ट विचार करेगा।


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