बिहार में जमुई जिले के चंद्रमंडी थाना क्षेत्र के ठाढी गांव में शनिवार तड़के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उग्रवादियों ने एक ग्रामीण की गला रेतकर हत्या कर दी. पुलिस अधीक्षक राम नारायण सिंह ने जमुई में बताया कि 18 से 20 की संख्या में हथियारों से लैस माओवादियों ने तड़के ठाढी गांव में धावा बोला तथा ब्रस्रदेव यादव को बंधक बना लिया. बाद में माओवादियों ने गांव से बाहर एक खेत में ले जाकर उसकी गला रेतकर हत्या कर दी.
श्री सिंह ने बताया कि मृतक मुखिया पद के प्रत्याशी लाल मोहन यादव का चाचा है. गौरतलब है कि माओवादियों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर रखा है और संभवत. इसी को लेकर माओवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.
वहीँ दूसरी और खगड़िया जिले की बेलदौर पंचायत के लिए मुखिया पद के एक प्रत्याशी की शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार मुखिया प्रत्याशी रंजीत सिंह एक रिश्तेदार से मिलकर अपने घर लौट रहे थे, उसी दौरान विष्णुपुर गांव के समीप एक मंदिर के पास अज्ञात अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। गोली लगने से सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
खगड़िया के पुलिस अधीक्षक मिट्ठ प्रसाद ने शनिवार को बताया कि इस मामले में प्राथमिकी सम्बंधित थाने में दर्ज करा दी गई है तथा हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
3 टिप्पणियां:
बिहार में अपराध 'चरम' पर है या 'चरमरा' गया है?
(शायद आपकी याददास्त कमजोर हो रही है।)
आप पैसा खाकर लिखते हैं या लिखकर पैसा खाते हैं?
बिहार पुलिस की साईट के मुताबिक, पिछली सरकार के मुकाबले नीतीश की सरकार में अपराध की घटनाओं में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2001 में यहाँ cogzinable crime के कुल 95942 मामलों के मुकाबले 2010 में ऐसी घटनाओं की संख्या 137572 हो गई है. मतलब कुल 41630 मामले ज्यादा. साईट के अनुसार, बिहार में चोरों की चांदी है. 2001 में जहाँ चोरी की 9489 घटनाएं हुईं, वहीँ 2010 में 15544. इसी तरह अपहरण के 1689 के 2010 में 3602 मामले और बलात्कार की 746 घटनाओं के मुकाबले 2010 में 795 घटनाएं पुलिस डायरी में दर्ज की गईं. अब क्या कहेंगे? सुशासन???
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