पाकिस्तान ने 27 साल पहले जासूसी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय नागरिक गोपाल दास को गुरुवार को रिहा कर दिया। गोपाल दास (50) को बाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया। उन्हें जासूसी के आरोप में 1984 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद थे।
इस साल के अंत में उन्हें रिहा किया जाना था, लेकिन 27 मार्च को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दास की सजा माफ करते हुए मानवीय आधार पर उन्हें रिहा करने की घोषणा की । करीब 2 सप्ताह पहले भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने दास की ओर से उनके भाई द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान सरकार से दास को रिहा करने की अपील की थी।
इस साल के अंत में उन्हें रिहा किया जाना था, लेकिन 27 मार्च को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दास की सजा माफ करते हुए मानवीय आधार पर उन्हें रिहा करने की घोषणा की । करीब 2 सप्ताह पहले भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने दास की ओर से उनके भाई द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान सरकार से दास को रिहा करने की अपील की थी।

2 टिप्पणियां:
Bada mahaan kaam kiya zardari ne.. 5-6 mahine pahle hee riha kar diya!!! kamaal hai bhaai. ise kahte hain dosti ki aadarsh shuruaat.
27 saal jail me rakha aur 6 mahine muaaf kiye.. aur hum bahut khush hain.
एक राजनैतिक सीमा पार करने की सज़ा
सत्ताईस साल जेल..
एक देश लूटने की सज़ा??
एक देश पर हमले की सज़ा?
बेगुनाहों को गोलियों से भूनने की सज़ा?
अभी कुछ सोचा नहीं
तय भी नहीं
मिलेगी या नहीं..
क्या पता दे ही दें
सत्ताईस साल बाद..
दीपक मशाल
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