कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल करने में कथित तौर पर मदद पहुंचाने वाले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के दो अधिकारियों को नई दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मंगलवार को एमजे भटटाचार्य और मोहम्मद के अंसारी को गिरफ्तार किया। पुलिस उपायुक्त (अपराध) अशोक चांद ने बताया कि इन लोगों को पायलट हिरेन नागर और अभिषेक कौशिक को कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल करने में मदद पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साथ ही इस मामले में डीजीसीए के अब तक तीन कर्मचारी गिरफ्तार हो गए हैं। इस मामले में पायलट सहित कुल 13 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। कौशिक ने जाली मार्कशीट के जरिए लाइसेंस हासिल किया था। डीजीसीए द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया।
अशोक चांद ने बताया कि विमान के कमांडर के लिए अनिवार्य एटीपीएल प्राप्त करने के लिए एविएशन मीटीआरोलॉजी, रेडियो एड एवं इंस्ट्रुमेंट तथा एयर नेविगेशन विषयों की परीक्षा पास करना होता है। जबकि यह लोग (पायलट) एक या दूसरे विषय में फेल थे। जांच के दौरान यह पता चला कि कौशिक और नागर का एक दूसरे से उस वक्त परिचय हुआ, जब वे मध्य प्रदेश स्थित एक उड्डयन स्कूल में उड़ान प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे। बहरहाल, डीजीसीए फर्जी पायलट मामले में तीन से चार हजार लाइसेंसों की छानबीन कर रहा है।
अशोक चांद ने बताया कि विमान के कमांडर के लिए अनिवार्य एटीपीएल प्राप्त करने के लिए एविएशन मीटीआरोलॉजी, रेडियो एड एवं इंस्ट्रुमेंट तथा एयर नेविगेशन विषयों की परीक्षा पास करना होता है। जबकि यह लोग (पायलट) एक या दूसरे विषय में फेल थे। जांच के दौरान यह पता चला कि कौशिक और नागर का एक दूसरे से उस वक्त परिचय हुआ, जब वे मध्य प्रदेश स्थित एक उड्डयन स्कूल में उड़ान प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे। बहरहाल, डीजीसीए फर्जी पायलट मामले में तीन से चार हजार लाइसेंसों की छानबीन कर रहा है।

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