दोहे और उक्तियाँ !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 4 अप्रैल 2011

दोहे और उक्तियाँ !!

क्षमा करना सीखें| इस प्रवृत्ति को विकसित करें|

कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता| प्रत्येक व्यक्ति की

अपनी सीमाएं और कमजोरियां होती है| हमें इस का

आभास भी नहीं होता कि प्रतिदिन हम कितनी

गलतियाँ करते हैं| हम अपनी गलतियों के लिए

क्षमायाचना करते हैं, लेकिन हम दूसरों को तुरंत माफ

नहीं करते और अपने साथियों की निंदा करते हैं|

प्रत्येक व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे कार्यों के लिए

स्वयं उत्तरदायी है और किसी को भी दूसरे के

क्रियाकलापों में निर्णायक बनने का अधिकार नहीं है|



(विष्णु प्रसाद बख्सी)

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