
चुनाव आयोग ने आज कहा कि मतदान प्रोत्साहन अभियान के ब्रांड अंबेसडर बनाये गये पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरभ गांगुली को किसी राजनीतिक दल से जुड़ा होना नहीं पाया गया है। आयोग ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि गांगुली के पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम सहित विभिन्न सरकारी विभागों का ब्रांड अम्बेसडर बनाये जाने के आरोपों की जांच की गई है लेकिन ये सही नहीं पाये गये।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिवेन्दु दत्ता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गयी काम्पैक्ट डिस्क की जांच की गई है लेकिन इसमें गांगुली के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक मंत्री से नजदीकी संबंध होने के लगाये गये आरोप सही नहीं पाये गये। दत्ता ने कहा कि हमने इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया।
अंतिम फैसले के लिए सीडी आयोग को भेजी जायेगी। तृणमूल कांग्रेस ने गांगुली के शहरी विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य से नजदीकी संबंध होने और इसके मतदाताओं पर असर पड़ने संबंधी शिकायत आयोग से की है।
तृणमूल कांग्रेस ने भट्टाचार्य और गांगुली की रिकॉर्डिंग वाली एक सीडी भी आयोग को भेजी है।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एन के सहाना ने कहा है कि गांगुली ने आयोग को मौखिक आश्वासन दिया है कि वह किसी राजनीतिक दल के लिए प्रचार नहीं करेंगे।
पश्चिम बंगाल में 18 अप्रैल से छह चरणों में मतदान होगा। इस चुनाव में वाम दलों का तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस गठजोड़ के बीच मुख्य मुकाबला होने की उम्मीद है।
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