अच्छी तरह से कार्य करो| अच्छे सम्बन्ध रख, सेवा करो
और अपने शरीर का सर्वोत्कृष्ट तरीके से उपयोग करो|
आज तक आपसे जो गलतियाँ हुई है उन्हें भूल जाओ|
दूसरों के साथ आदर लाभप्रद, उपयोगी और प्रेमपूर्वक
व्यवहार करो| अपना कर्तव्य समझकर दूसरों की सेवा करो|
दूसरों को सुखसुविधा दो| तभी तुम दूसरों के कल्याण में लग सकोगे|
(स्वामी रामसुख दास)
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