आईसीसी समृद्ध,छूट देना जायज नहीं. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 3 अप्रैल 2011

आईसीसी समृद्ध,छूट देना जायज नहीं.

इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के लिए टैक्सों में 45 करोड़ रुपये की छूट देने पर मनमोहन कैबिनेट के ही तीन मंत्रियों ने कड़ी आपत्ति की है। इन मंत्रियों का कहना है कि आर्थिक दृष्टि से बेहद समृद्ध आईसीसी को यह छूट देना जायज नहीं है।

आईसीसी को टैक्स छूट देने का विरोध करने वालों में खेल मंत्री अजय माकन भी हैं। माकन का तो यहां तक कहना है कि एक ओर तो हमारे मंत्रालय को दी जाने वाली रकम में कटौती की जा रही है, दूसरी तरफ आईसीसी को इस तरह की छूट दी गई है। आपत्ति करने वाले अन्य मंत्री हैं- सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा। बीजेपी ने भी कहा है कि जिस कैबिनेट मीटिंग में छूट का यह प्रस्ताव मंजूर किया गया, उसमें कृषि मंत्री शरद पवार को मौजूद नहीं रहना चाहिए था।

मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आईसीसी को वर्ल्ड कप आयोजन पर टैक्सों में 45 करोड़ रुपये की छूट देने का फैसला किया गया था। केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि तीनों मंत्रियों ने कहा है कि आईसीसी को ऐसी छूट देने की जरूरत नहीं है। खेल मंत्री का कहना था कि अन्य खेलों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है, जिनकी सरकार को मदद करनी चाहिए। गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी सैलजा ने भी माकन का समर्थन किया।  अंबिका सोनी ने मैचों की कवरेज को लेकर आईसीसी और मीडिया चैनलों के बीच चल रहे गतिरोध का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि चैनलों को कवरेज करने से बिना वजह रोका जा रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि जब यह बैठक चल रही थी, उसमें कृषि मंत्री और आईसीसी के मुखिया शरद पवार भी मौजूद थे। आईसीसी को छूट देने के प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी थे। इस प्रस्ताव के समर्थकों का कहना था कि यह छूट न देना गैरकानूनी होगा क्योंकि आईसीसी छूट के लिए तय सभी शर्तों को पूरा करती है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि अच्छा होता टैक्स छूट का फैसला लेने वाली बैठक में शरद पवार मौजूद नहीं रहते। पवार खुद आईसीसी के मुखिया हैं , ऐसे में उन्हें खुद को इस बैठक से अलग रखनाचाहिए था 
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