पीएसी की सक्रियता पर कांग्रेस की नाखुशी छिप नहीं रही है। पार्टी की ओर से पीएसी की तेजी पर लगातार इशारों में निशाना साधा जा रहा है। वहीं खुद पर उंगली उठने से नाराज पीएसी चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी ने पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी के बयान को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि समिति उनके बयान की सच्चाई की जांच कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने पीएसी की सक्रियता की आड़ में भाजपा पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा था कि भाजपा को अपने नेता को काबू में करना चाहिए। मंगलवार को कांग्रेस प्रवक्ता ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पीएसी के संवैधानिक स्वरूप पर पूछे गए सवाल के जबाब में कहा कि पीएसी संसद की अन्य समितियों की तरह ही एक समिति है। संविधान में इसका कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट की जांच करने का अधिकार केवल पीएसी को नहीं है। प्रवक्ता ने एक बार फिर कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक प्वाइंट स्कोर करने के लिए ही जेपीसी की हमेशा वकालत की थी।
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि ‘मैंने कांग्रेस प्रवक्ता का बयान सुना है कि भाजपा को मुझे काबू करना चाहिए। पूरी समिति ने इसे गंभीरता से लिया है। हम इस बयान की प्रामाणिकता की पुष्टि कर रहे हैं। इसके बाद ही समिति कोई कदम उठाएगी।’ जेपीसी के गठन के बाद भी पीएसी की सक्रियता को लेकर जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको ने भी जोशी को खरी खोटी सुनाई है। दोनों नेता अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके हैं। मामला लोकसभा अध्यक्ष के पास तक पहुंचा है। इन सबके बावजूद पीएसी की रफ्तार थमने के बजाए पहले से बढ़ी है। पीएसी लगातार मामले से जुड़े अहम लोगों को तलब करके 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने पीएसी की सक्रियता की आड़ में भाजपा पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा था कि भाजपा को अपने नेता को काबू में करना चाहिए। मंगलवार को कांग्रेस प्रवक्ता ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पीएसी के संवैधानिक स्वरूप पर पूछे गए सवाल के जबाब में कहा कि पीएसी संसद की अन्य समितियों की तरह ही एक समिति है। संविधान में इसका कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट की जांच करने का अधिकार केवल पीएसी को नहीं है। प्रवक्ता ने एक बार फिर कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक प्वाइंट स्कोर करने के लिए ही जेपीसी की हमेशा वकालत की थी।
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि ‘मैंने कांग्रेस प्रवक्ता का बयान सुना है कि भाजपा को मुझे काबू करना चाहिए। पूरी समिति ने इसे गंभीरता से लिया है। हम इस बयान की प्रामाणिकता की पुष्टि कर रहे हैं। इसके बाद ही समिति कोई कदम उठाएगी।’ जेपीसी के गठन के बाद भी पीएसी की सक्रियता को लेकर जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको ने भी जोशी को खरी खोटी सुनाई है। दोनों नेता अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके हैं। मामला लोकसभा अध्यक्ष के पास तक पहुंचा है। इन सबके बावजूद पीएसी की रफ्तार थमने के बजाए पहले से बढ़ी है। पीएसी लगातार मामले से जुड़े अहम लोगों को तलब करके 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच कर रही है।

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