अजमेर ब्लास्ट के अभियुक्त स्वामी असीमानंद के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई। एजेंसी ने सीबीआई कोर्ट से इस मामले में कुछ और दिनों की मोहलत मांगी जिस पर कोर्ट ने स्वामी की रिमांड को 14 मई तक बढ़ा दिया। असीमानंद को शनिवार को अजमेर ब्लास्ट के दूसरे अभियुक्त भरत भाई के साथ कोर्ट में पेश किया गया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने 2007 में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर बम धमाका किया था। धमाके में तीन लोग मारे गए थे और 15 घायल हुए थे।
अदालत द्वारा रिमांड बढ़ाए जाने पर असीमानंद ने जमानत की अपील की है। असीमानंद का कहना था कि एजेंसी कानूनी तौर पर पूछताछ के लिए उसे 90 दिनों से ज्यादा रिमांड पर नहीं रख सकती है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख तय की है। एनआईए को यह केस छह अप्रैल 2011 में सौंपा गया था। इससे पहले एटीएस राजस्थान मामले की जांच कर रही थी।

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