योगगुरु बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण पर सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फर्जी पासपोर्ट के मामले में शनिवार को बालकृष्ण के खिलाफ देहरादून में सीबीआई की ओर से मामला दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि मामला दर्ज होने के बाद से बालकृष्ण को मोबाइल स्विच ऑफ है और वह भूमिगत हो गए हैं। दूसरी तरफ, बाबा रामदेव ने हरिद्वार के औरंगाबाद की विवादित जमीन से योगग्राम का कब्जा हटा लिया है।
काला धन वापस लाने के लिए बाबा रामदेव के आंदोलन और अनशन के दौरान बालकृष्ण के पास फर्जी पासपोर्ट होने का मुद्दा उछला था। आरोप के मुताबिक, नेपाली मूल का होने के बावजूद बालकृष्ण ने खुद को भारतीय नागरिक बताते हुए स्थानीय अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जी तरीके से पासपोर्ट बना लिया। आरोप है कि उन्होंने जाली दस्तावेज दिए, षड्यंत्र किया और तथ्य छुपाए।
बालकृष्ण का पासपोर्ट 1997 में बरेली ऑफिस से जारी हुआ। इसमें उनका पता दाइबाग कनखल हरिद्वार दिया गया था। पासपोर्ट 2007 में देहरादून पासपोर्ट ऑफिस से रिन्यू हुआ, जिसकी वैलिडिटी 2017 तक है। पासपोर्ट के वक्त इंक्वायरी में बालकृष्ण को भारत का नागरिक बताया गया था, जबकि सीबीआई सूत्रों की मानें तो उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली है। सीबीआई की देहरादून यूनिट ने शनिवार रात बालकृष्ण के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। सोमवार को सीबीआई की टीम हरिद्वार जाकर पासपोर्ट से जुड़े दस्तावेज खंगाल सकती है। इसके बाद आचार्य को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
योगग्राम की विवादित बाउंड्री वॉल को पतंजलि योगपीठ ने पहल करते हुए तोड़ दिया है। अब तारों की बाड़ को पुरानी जगह से हटाकर काफी पीछे लगाया गया है। दरअसल योगग्राम निर्माण के लिए ग्रामसभा की 43 बीघा भूमि पर कब्जे की शिकायत पर एसडीएम सदर हरिद्वार हरवीर सिंह ने जांच की थी। इसके बाद पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने लैंड एक्सचेंज की अर्जी दी, जिस पर कोई फैसला नहीं हो पाया था। ऐसे में पतंजलि योगपीठ ने इस जमीन को छोड़ने का फैसला किया। योगग्राम की ओर से कहा गया कि विवादित भूमि को छोड़ दिया गया है।
2 टिप्पणियां:
बाबा को भी चुन-चुन कर चिन्हित व्यक्तियों के ख़िलाफ़ मुक़दमें दाखिल करने चाहिये वर्ना ये लोग बाबा को इन्हीं में उलझा कर रख देंगे और ये बचाव की मुद्रा में देश भर में सफाइयां देते घूमेंगे...
काजल जी की टिप्पणी से सहमत
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