मजबूत और सशक्त लोकपाल बिल की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे अन्ना हजारे और उनकी टीम पर कांग्रेस की ओर से फिर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने अन्ना और उनकी टीम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) से लोकपाल का मुद्दा ‘हाइजैक’ कर लिया। रमेश का कहना है कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली एनएसी जब लोकपाल पर काम कर ही रही थी तो अन्ना और टीम को बीच में कूदने की क्या जरूरत थी।
जयराम रमेश का मानना है कि एनएसी लोकपाल पर विचार-विमर्श कर रही थी और अन्ना व उनकी टीम भी इस चर्चा का हिस्सा थे लेकिन बाद में वो अलग हो गए। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि उन्होंने एनएसी की प्रक्रिया को ‘हाईजैक’ क्यों कर लिया।’पिछले दिनों जब अन्ना अनशन कर रहे थे तो कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी में संसद में अपनी बात रखते हुए मजबूत लोकपाल लाने और लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग की थी। ऐसे में कहा जा सकता है कि कांग्रेस लोकपाल बिल पर राहुल की मुहर लगाने की कोशिश में थी। राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान बीजेपी पर भी सवाल उठाए थे कि उसने अपने शासन में लोकपाल बिल को क्यों लटकाए रखा।
लोकपाल पर राहुल की राय को भाजपा ने खारिज कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि लोकपाल को चुनाव आयोग की तरह संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग का मतलब मामले को लटकाना होगा।
1 टिप्पणी:
dear jairam ji we all like u in congress , u r the most competent man but u r talking like lay man . its not good . ok
dr bn singh bhu
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