शंकररमन हत्याकांड में प्रमुख आरोपी कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने इन आरोपों को खारिज किया है कि उन्होंने मामले की सुनवाई कर रहे जज को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
उन्होंने कांचीपुरम में संवाददाताओं से कहा कि सिवाय एक बार के मैंने जज से कभी मुलाकात या बात नहीं की। 18 अगस्त को मेरी उनसे तब मुलाकात हुई थी जब वह मेरे मामले की सुनवाई कर रहे थे। यही सिर्फ एकमात्र मौका था जब मैंने उनसे मुलाकात या बात की। इसके सिवाय मैंने कभी भी किसी मुद्दे पर न्यायाधीश से बात नहीं की।
शंकराचार्य की टिप्पणी उस समय आई है जब मद्रास हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ पुडुचेरी सत्र अदालत में चल रहे मामले की सुनवाई पर गुरुवार को एक याचिका के चलते आठ हफ्ते के लिए रोक लगा दी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि शंकराचार्य ने फैसले को प्रभावित करने की कोशिश की।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि कुछ वीडियो फुटेज में शंकराचार्य और कुछ अन्य लोगों के बीच हुई कथित बातचीत से ऐसा लगता है कि मामले में फैसले को प्रभावित करने के लिए शंकराचार्य द्वारा कथित भुगतान किया गया और किया जाएगा। जयेंद्र ने कहा कि कांची शंकर मठ की 69 से अधिक गुरू परंपराओं की परंपरा रही है और परंपरा ने हमेशा धर्म तथा न्याय का सम्मान किया है।
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