एलपीजी मामले में निर्णय टली. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 17 सितंबर 2011

एलपीजी मामले में निर्णय टली.

यूपीए सरकार के प्रमुख घटक दलों- तृणमूल कांग्रेस और डीएमके ने एलपीजी मामले में निर्णय लेने से सरकार को कदम वापस खींचने पर मजबूर कर दिया।
सहयोगी दलों के विरोध को देखते हुए सरकार को सब्सिडी प्राप्त एलपीजी की आपूर्ति सीमित करने के बारे में निर्णय को टालना पड़ा। सहयोगी दलों ने पेट्रोल के दाम बढ़ाने की भी आलोचना की है। इस मामले में वह विपक्षी दलों के साथ खड़े नजर आए और मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी यूपीए ने सस्ते रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति सीमित करने की पहल पर विरोध जताया है और पेट्रोल के दाम बढ़ाने पर सरकार की कड़ी आलोचना की है तथा इस मूल्यवृद्धि को वापस लेने की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ यूपीए के दो अन्य सहयोगी डीएमके और एनसीपी ने भी पेट्रोल के दाम बढ़ाने की आलोचना करते हुये मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की है। 

तृणमूल कांग्रेस और डीएमके की आपत्ति के बाद सस्ते एलपीजी की आपूर्ति सीमित करने पर फैसला लेने के लिये बुलाई गई अधिकार प्राप्त मत्री समूह की बैठक समिति के कुछ सदस्यों के उपलब्ध न होने आखिरी क्षण में टाल दी गई। इसकी कोई नई तारीख भी अधिसूचित नहीं की गई। शुक्रवार को मंत्रीसमूह (जीओएम) सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति प्रति परिवार साल में सिर्फ चार से छह सिलेंडर तक सीमित करने पर विचार करने वाला था ताकि सब्सिडी पर खर्च होनी वाली 12,000 करोड़ रुपए की राशि बचाई जा सके। इस फैसले के बाद बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 700 रुपए से अधिक होगी। 

डीएमके नेता और उर्वरक मंत्री एम के अड़ागिरी ने इस प्रस्ताव के खिलाफ अपनी पार्टी का विरोध दर्ज करते हुए बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था। हालांकि, रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता दिनेश त्रिवदी ने इस खबर को खरिज कर दिया कि वे बैठक में हिस्सा नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने कहा कि इससे दरअसल उन्हें अपनी पार्टी के विरोध को सामने रखने का मौका मिलेगा। पेट्रोल की कीमत बढ़ाने के कल के फैसले के बारे में त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी चाहती है कि इसे वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पडे़गा। उन्होंने एलपीजी की कीमत में संभावित बढ़ोतरी का विरोध किया।उन्होंने कहा 'यह शानो-शौकत की चीज नहीं है बल्कि आम आदमी की जरूरत है और इसे और नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।'' वैसे ममता बनर्जी ने जब कोलकाता में केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी से मुलाकात की तो इस बढ़ोतरी के खिलाफ अपना विरोध भी जताया। 

डीएमके के प्रवक्ता टी.के.एस इलांगोवन ने चेन्नै में कहा , 'पेट्रोल की कीमत से मध्यमवर्गीर समूह और गरीब प्रभावित होंगे। सरकार को एलपीजी की सब्सिडी में भी कटौती नहीं करनी चाहिए।'

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