भारत पीओके में चीन के प्रॉजेक्ट्स से चिंतित. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

भारत पीओके में चीन के प्रॉजेक्ट्स से चिंतित.


दक्षिण चीन सागर में तेल की खोज पर चीन की आपत्ति के बाद भारत ने कड़े शब्दों में चीन से कह दिया है कि वह पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से दूर रहे। भारत ने चीन से पीओके में अपनी गतिविधियां जल्द से जल्द को रोकने को कहा है। 

भारत की सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी और पेट्रो वियतनाम से किए गए अनुबंध के आधार पर उसके समुद्र तट के पास पेट्रोल और गैस निकालने के लिए निवेश की बड़ी योजना पर काम कर रही है। यह क्षेत्र दक्षिण चीन सागर में आता है। कुछ महीने पहले ही चीन ने भारत से दक्षिनी चीन सागर में तेल और गैस संबंधी खोज पर आपत्ति जताई थी। भारत ने चीन की इस आपत्ति को दरकिनार कर उसे पीओके से दूर रहने की सलाह दी है।

भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने गैरकानूनी तौर पर इस इलाके पर कब्जा किया हुआ है और यहां पर चीन की किसी भी तरीके की गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं। भारत ने चीन के इस दावे को गलत ठहराया है कि जिस समुद्री इलाके पर भारतीय कंपनी वियतनामी कंपनी के साथ मिल कर काम करने जा रहा है, वह इलाका केवल उसका है। भारत का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री इलाका है और कानूनों के मुताबिक ही भारत वहां पेट्रोल का दोहन कर रहा है। 

 भारत सरकार पीओके में चीन के दो प्रॉजेक्ट्स को लेकर चिंतित है, यै हैं- सरकार ने काराकोरम हाईवे का अपग्रेडेशन और डायमर बाशा बांध का निर्माण। चीन भारत की इन आपत्तियों पर कहता रहा है कि वह इस इलाके में केवल आम नागरिक गतिविधियों में लिप्त है। साल 2010 में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने चीनी समकक्ष से कहा था कि जिस तरह चीन के लिए तिब्बत और तवांग मुख्य मुद्दा है उसी तरह भारत के लिए कश्मीर मुख्य मुद्दा है। विदेश मंत्री ने यह बात कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा दिए जाने के मुद्दे पर कही थी। 

राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में पिछले महीने ही विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि सरकार पीओके में चीन द्वारा किए जा रहे इन्फ्रास्ट्र्क्चर निर्माण के बारे में जानती है और इस बारे में चीन से बात की जा चुकी है। चीन को बताया जा चुका है कि पाक ने इस इलाके पर जबरन कब्जा किया हुआ है। भारत सरकार ने चीन से इस इलाके में गतिविधियां बंद करने के लिए कहा है। जानकारों का मानना है कि पीओके से चीन पैर पीछे नहीं करेगा, ठीक वैसे ही जैसे कि साउथ चीन सागर से भारत नहीं हटेगा। चीन ने भारत पर इस मामले में दबाव बनाने के लिए पिछले दिनों भारतीय पानी के जहाजों के साथ बुरा सलूक भी किया था। इसी वजह से भारत ने पीओके संबधी यह कड़ा बयान जारी किया।

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