पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित कविता चौधरी हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए दो दोषियों को उम्रकैद और एक को तीन साल कैद की सजा सुनाई। मामले के मुख्य आरोपी की जेल में पहले ही मौत हो चुकी है।
कविता रानी चौधरी हत्याकांड में विशेष सीबीआई न्यायाधीश एके सिंह ने रविंद्र तथा सुल्तान को हत्या, हत्या की साजिश तथा साक्ष्य मिटाने का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि आरोपी योगेश को साजिश में शामिल होने का दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई। इससे पहले गुरुवार को सुनावई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया था। गुरुवार की सुनवाई में अदालत ने आरोपी अशोक को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
कोर्ट ने प्रदेश सरकार में मंत्री रहे डॉ. मेहराजुद्दीन पर बयानों से मुकरने पर विविध वाद दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अब पूर्व सिंचाई मंत्री को केस का सामना करना पड़ेगा। जबकि पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री किरनपाल सिंह, पूर्व मंत्री बाबूलाल एवं मेरठ विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर आर.पी. सिंह के मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने या खारिज करने का फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। इसलिए इनके खिलाफ भी विविध वाद दायर किया जाएगा।
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