चुनाव सुधार के मुद्दे पर टीम अन्ना की ओर से मुहिम आगे बढ़ाए जाने के ऐलान पर सरकार चौकस हो गई है। सरकार नहीं चाहती कि जन लोकपाल की तरह इस मुद्दे पर भी अन्ना हजारे को आंदोलन करना पड़े और उसे किरकिरी झेलनी पड़े। इसके मद्देनजर अगले महीने सरकार ने चुनाव सुधार के मसले पर चर्चा के लिए सभी पार्टियों की बैठक बुलाई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कानून मंत्रालय को कहा है कि वह अपराधियों को चुनाव-राजनीति से दूर रखने के मुद्दे पर जल्द से जल्द राजनीतिक सहमति बनाए। साथ ही, चुनाव से काला धन दूर रखने के उपायों पर भी बात हो।
टीम अन्ना रालेगण में कोर कमेटी की बैठक के बाद ऐलान कर चुकी है कि उनके एजेंडे में अब चुनाव सुधार ही है। इस बारे में अन्ना हजारे प्रधानमंत्री को खत भी लिखने वाले हैं। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि उसे एक बार फिर अन्ना के आंदोलन से निपटने की नौबत झेलनी पड़े। कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पीएमओ के निर्देश के बाद बैठक की तारीख और एजेंडे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह बैठक मध्य अक्टूबर में होगी। कानून मंत्रालय कैबिनेट को पहले ही एक नोट भेज चुका है। इसमें मौजूदा कानून में बदलाव की सिफारिश की गई है, ताकि वैसे उम्मीदवारों पर चुनाव लड़ने की पाबंदी लगे जिनके खिलाफ अदालत से ऐसे मामले में आरोपपत्र तय हो गया हो, जिसमें कम से कम पांच साल कैद की सजा का प्रावधान हो।

1 टिप्पणी:
netaon ko sudarne ke liye baba ramdev aur anna hajare sakriya ho gaye hain inko sudharna hi padega
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