गोपनीय जगह पर दफनाए गए गद्दाफी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

गोपनीय जगह पर दफनाए गए गद्दाफी.

लीबिया के दिवंगत तानाशाह शासक मुअम्मार गद्दाफी को मंगलवार तड़के रेगिस्तान में एक गोपनीय जगह पर दफन कर दिया गया। यह जानकारी अल-जजीरा ने राष्ट्रीय अंतरिम परिषद (एनटीसी) के एक अधिकारी के हवाले से दी है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा है कि इस बात की तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है कि गद्दाफी के बेटे मुतस्सिम का शव भी पिता के साथ दफन किया गया है या नहीं। गद्दाफी और मुतस्सिम के शव लीबिया के मिसराता शहर में लोगों को दिखाने के लिए रखे गए थे। गद्दाफी ने लीबिया पर 42 सालों तक शासन किया। राष्ट्रीय अंतरिम परिषद (एनटीसी) के लड़ाकों ने गद्दाफी के गृह नगर सिर्ते में उसे पकड़ कर मार डाला।

कोई टिप्पणी नहीं: