सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 के मुंबई हमलों में जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कसाब की फांसी पर रोक लगाने के पीछे तर्क दिया कि न्यायिक व्यवस्था का पालन जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के बगैर फैसला नहीं दिया जा सकता। इस मामले में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, 'यह असामान्य फैसला नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक व्यवस्था के तहत ही कसाब की फांसी पर अभी रोक लगाई है।'
25 जनवरी से कसाब की अर्जी पर रोजाना सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को भी नोटिस भेजा है।
गौरतलब है कि कसाब ने अपनी याचिका में खुद को दोषी ठहराए जाने और फांसी की सजा को चुनौती दी थी। 26/11 मामले के एकमात्र जिंदा पकड़े गए दोषी कसाब ने जेल अधिकारियों के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने इस मामले में कसाब की मदद करने के लिए सीनियर ऐडवोकेट राजू रामचंद्रन को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। जस्टिस आफताब आलम और रंजना प्रकाश की बेंच ने उसकी याचिका पर सुनवाई की।
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