कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बंगारप्पा का निधन. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 26 दिसंबर 2011

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बंगारप्पा का निधन.


कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा का सोमवार तड़के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 79 वर्षीय बंगारप्पा के कुछ समय से बीमार थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे तथा तीन बेटियां हैं। गुर्दे संबंधी बीमारी और मधुमेह से पीड़ित बंगारप्पा का सात दिसंबर से इलाज चल रहा था। उन्होंने रात्रि करीब पौने एक बजे अंतिम सांस ली। 

बंगरप्पा हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल एस में शामिल हुए थे। 26 अक्टूबर 1932 में जन्मे बंगरप्पा ने 1967 में राजनीति में विधानसभा चुनाव मे जीत हासिल कर प्रवेश किया था और 1972 मे देवराज उर्स के मंत्रिमंडल में अपनी सेवाएं दी थी। 
    
सोशलिस्ट के रूप में राजनीति में प्रवेश करने वाले बंगरप्पा कई दलों में आने जाने के लिए जाने जाते थे जो कई बार कांग्रेस छोड़कर पुन: इसी पार्टी में लौटे। उन्होंने अपनी पार्टी भी बनायी। कुछ समय समाजवादी पार्टी और भाजपा में भी रहे। बंगरप्पा ने 1983 में कर्नाटक में पहली गैर कांग्रेसी सरकार स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उस समय उनके कर्नाटक क्रांति रंगा दल ने तत्कालीन जनता पार्टी सरकार का समर्थन किया जिसके प्रमुख रामकृष्ण हेगड़े थे। वह 1990-92 के बीच मुख्यमंत्री भी रहे और उसके बाद पद से हटाए जाने के पश्चात उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस पार्टी गठित की जिसने 1994 का विधानसभा चुनाव लड़ा और दस सीटों पर जीत हासिल की। राज्य की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने वाले बंगरप्पा 1996-1999 और 2003 में तीन बार लोकसभा के सदस्य भी रहे। 
    
पिछड़ा वर्गों के बीच बेहद सम्मानित रहे बंगरपा 1998 का संसदीय चुनाव भाजपा के अयानुर मंजुनाथ के हाथों हार गए। राजनीति में उनका खराब समय 2009 में आया जब बंगरप्पा को पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई राघवेन्द्र ने शिमोगा संसदीय सीट पर उन्हें हरा दिया। 2008 के विधानसभा चुनाव में वह शिकारीपुरा सीट पर येदियुरप्पा के हाथों हार गए। बंगरप्पा ने तीन साल भाजपा में गुजारे और पार्टी के टिकट पर 1996 और 1999 का चुनाव भी जीते। उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कबातुर ले जाया जा रहा है जहां कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। 
    

कोई टिप्पणी नहीं: