तमिलनाडु की दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को चेन्नई पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने राजभवन में मुलाकात की और मुल्लापेरिया बांध के मुद्दे पर एक ज्ञापन दिया। जयललिता ने प्रधानमंत्री से अपना अनुरोध दोहराते हुए कहा है कि वह केरल सरकार को सुझाव दें कि वह बांध के मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करे।
प्रधानमंत्री के यहां पहुंचने पर राज्यपाल के. रोसैया, मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट सहयोगी और कांग्रेस पार्टी ने स्वागत किया। जयललिता राज भवन में मनमोहन सिंह से मिलीं और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा। एआईएडीएमके के मई में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री की राज्य की यह पहली यात्रा है।
जयललिता इस बात को लेकर नाराज हैं कि उनके अनुरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य को वित्तीय सहायता देने, अतिरिक्त बिजली आपूर्ति और केरोसिन तेल का आवंटन बढ़ाने पर अब तक फैसला नहीं किया है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने शनिवार को पत्रकारों से कहा था कि वह सोमवार को मनमोहन सिंह के साथ मुल्लापेरियार मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह केरल में तमिलों पर होने वाले हमलों और जल का संग्रहण बढ़ाने के लिए बांध की ऊंचाई 142 फीट करने पर चर्चा करेंगे। बांध को लेकर तमिलनाडु और केरल के बीच कई महीनों से विवाद चल रहा है। यह बांध केरल में स्थित है लेकिन इस पर नियंत्रण तमिलनाडु का है और बांध का पानी तमिलनाडु की जरूरतों को पूरा करता है। तमिलनाडु नए बांध बनाने की केरल की मांग का विरोध कर रहा है।
प्रधानमंत्री 26 दिसम्बर को गणितीय विज्ञान संस्थान की ओर से आयोजित गणितज्ञ एस.रामानुजन की 125वीं जयंती समारोह में भाग लेंगे। इसके बाद वह शिवगंगा जिले के कराईकुडी के लिए रवाना होंगे, जहां के अलगप्पा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। उसी दिन वह नई दिल्ली लौट जाएंगे।

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