भारत ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है कि नियंत्रण रेखा से भारी तोपखाने और मोर्टारों को हटा दिया जाए। इस्लामाबाद ने युद्धविराम उल्लंघन का हवाला देकर हथियारों को हटाने का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही भारत ने इस्लामाबाद से कहा है कि वह परमाणु हथियारों पर कमांड और नियंत्रण सहित अपनी परमाणु नीति को स्पष्ट करे।
सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि चार वर्षों बाद इस्लामाबाद में परमाणु और पारंपरिक विश्वास बहाली उपायों के तहत हुई दो दिवसीय बैठक में भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया। वार्ता के दौरान भारत ने पाकिस्तान को परमाणु क्षेत्र में धैर्य एवं जवाबदेही के वास्तविक उपाय की आवश्यकता से अवगत कराया और आग्रह किया कि फिसाइल मैटेरियल कट ऑफ संधि पर वार्ता करे।
सूत्रों ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को स्वीकार करने में असमर्थता दिखाई कि नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन के मद्देनजर वह भारी तोपखानों को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली ऐसे प्रस्तावों पर तब तक गौर नहीं कर सकता जब तक कि नियंत्रण रेखा पर स्थिति नहीं सुधरती। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा वार्ता में प्रगति की समीक्षा के लिये पाकिस्तान के दौरे पर जाने वाले हैं और दौरे से पहले दोनों पक्ष गृह सचिवों, जल संसाधन सचिवों, रक्षा सचिवों और विदेश सचिवों की बैठक करने को इच्छुक हैं। परमाणु सीबीएम पर भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया कि परमाणु सिद्धांतों पर विचारों का आदान-प्रदान तभी किया जा सकता है जब नीतियों से संबंधित आधिकारिक दस्तावेज सार्वजनिक हों।
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