चीन और पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों में वृद्धि करने की खबरों के बीच सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने ने कहा है कि इस बात से बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। सेनाध्यक्ष ने रविवार को कहा कि परमाणु हथियार युद्ध लडऩे के लिए नहीं बल्कि सामरिक क्षमता के लिए होते हैं।
जनरल सिंह ने कहा, 'परमाणु हथियार युद्ध लडऩे के लिए नहीं होते यह बात बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए। इनकी एक सामरिक क्षमता होती है, इसका इस्तेमाल केवल इसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए। मैं और सेना इस बात को लेकर परेशान नहीं हैं कि किसके पास परमाणु हथियार हैं। हमारा कार्य निर्धारित है और हम उसी पर आगे बढ़ेंगे।'
सेनाध्यक्ष ने यह बात भारतीय सेना के नए माउंटेन स्ट्राइक कोर की स्थापना किए जाने के मद्देनजर चीन की ओर से किसी संभावित परमाणु हमले के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कही। चीन कथित रूप से पाकिस्तान की उसकी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में मदद कर रहा है और उसने उसे रिएक्टर भी मुहैया कराए हैं। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि चीन परमाणु हथियारों के मामले में गुपचुप तरीके से मदद कर रहा है।
सेनाध्यक्ष से उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया था जिनमें दावा किया गया है कि यहां पर किसी आतंकवादी हमले होने की स्थिति में पाकिस्तान रक्षात्मक उपाय के तहत सीमा पर सेना तैनात कर सकता है। उन्होंने कहा, 'इससे हमारा विकल्प किसी भी मायने में प्रभावित नहीं होता। ये उनके विकल्प हैं, वे जैसा करना चाहते हैं, वैसा करें।' जनरल सिंह ने वित्त मंत्रालय ने सेना के कुछ खरीद योजनाओं पर रोक लगाने की खबरों की कोई जानकारी होने से इनकार किया। पाकिस्तान में बंद भारतीय युद्ध कैदियों की रिहाई के संबंध में गुजरात हाई कोर्ट के हाल के आदेश पर उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे पर 1965 और 1977 के बाद से ही चर्चा हो रही है। सरकार इसके लिए पूरे प्रयास कर रही है। अदालत का आदेश उस प्रयास में जुड़ जाएगा।' इससे पहले सेनाध्यक्ष ने सेना दिवस परेड की सलामी ली और सुरक्षाकर्मियों को बहादुरी के लिए शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया।
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