भारतीय झंडे के अपमान के लिए यूक्रेन की युवतियों को जेल की सजा हो सकती है। पिछले महीने एक प्रदर्शन के दौरान इन युवतियों के एक समूह ने कीव स्थित भारतीय दूतावास की बालकनी फांदकर भारतीय झंडे को फाड़ दिया था। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इस अपराध के लिए समूह में शामिल युवतियों को चार साल की जेल की सजा हो सकती है। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय झंडे को निकालकर उससे दरवाजे व खिड़कियां तोड़ी थीं और उसे फाड़कर जमीन पर फेंक दिया था।
सूत्र के अनुसार 'द फीमेन' समूह की महिला कार्यकर्ता भारतीय विदेश मंत्रालय के उस आदेश से नाराज थीं जिसमें 15 से 40 साल उम्र की यूक्रेनी महिलाओं के भारत में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। मंत्रालय का मानना था कि इससे काम की तलाश में आने वाली वेश्याओं की संख्या कम करने में मदद मिलेगी। यूक्रेन की पुलिस का कहना है कि इस घटना के फलस्वरूप इस समूह की महिलाओं पर गुंडागर्दी व झंडे को अपवित्र करने के दो अलग-अलग आरोप लगाए गए हैं।
वैसे शुक्रवार शाम तक किसी को आरोपी नहीं बनाया गया था। यह घटना 19 जनवरी को हुई थी। भारतीय मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब चार प्रदर्शनकारियों ने दूतावास परिसर में व बालकनी में प्रवेश किया उस समय यूक्रेन में भारतीय राजदूत राजीव के. चंदर अपने आवास पर नहीं थे। प्रदर्शनकारी महिलाएं अपने साथ कुछ बैनर लिए हुए थीं, जिन पर 'हम वेश्याएं नहीं हैं', 'दिल्ली अपने वेश्यालय बंद करे' और 'हम चाहते हैं माफी मांगी जाए' जैसे नारे लिखे हुए थे। ये तख्तियां अंग्रेजी व रूसी भाषा में थीं।
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