दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सोमवार को अपने घर पर 50 स्कूली बच्चों को डी-वर्मिंग दवा की खुराक दे कर इस अभियान की औपचारिक शुरुआत की.अब मंगलवार 21 फरवरी को सभी बच्चों को ये दवा दी जाएगी. इस अभियान को छह महीने बाद फिर से दोहराया जाएगा.
योजना के तहत सभी दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी के सरकारी स्कूलों के अलावा गैर सरकारी स्कूलों आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चो को दवा दी जाएगी. सरकार के इसके लिए कई विशेषज्ञ टीमों को गठन किया है.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर अशोक कुमार वालिया ने कहा कि इस योजना का मकसद एक से 17 साल तक के बच्चों को पेट की बीमारियों से बचाना है. अशोक वालिया का कहना हैं कि चाचा नेहरु योजना के दौरान किए गए सर्वे में पाया गया कि भारी तादाद में बच्चों को एनीमिया यानि खून की कमी है और इसकी वजह है पेट की बीमारियां.
इस अभियान में शारीरिक स्वच्छता को मुद्दा बनाया गया है, ताकि गंदे हाथों की वजह से पेट में पनपने वाले कीड़ो से बच्चों को निजात दिलाई जा सके .अशोक वालिया का कहना है कि इस दौरान निगरानी का भी पूरा कार्यक्रम है, 650 अध्यापकों को विशेष रुप से प्रशिक्षित किया गया है, स्कूल स्वास्थ्य योजना के डॉक्टरों को निगरानी के लिए रखा गया है. साथ ही सभी डिस्पेंसरी से कहा गया है कि वो नज़र रखे. वैसे ये दवाई बेहद सुरक्षित है, लेकिन फिर भी निगरानी रखी जा रही है.
बच्चों में सुबह सुबह पेट दर्द की शिकायत आम रहती है. इसका कारण कीड़े हो सकते हैं.ऐसी स्थिति में बच्चे को भूख नहीं लगती और उसके चेहरे पर सफ़ेद धब्बे साफ़ दिखते हैं. इस सबसे बचने के लिए बच्चों को छह महीने में एक बार डी-वर्मिंग (कृमि- नाशक ) दवा देना ज़रुरी होता है. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक के डॉ ए एस वासुदेव बताते हैं कि पेट की बीमारी मुख्य कारण सफाई न होना है. कीड़ों के अंडे मिट्टी में होते हैं, इसलिए जब बच्चे बिना हाथ धोए खाना खाते हैं तो ये अंड़े भी उनके हाथों से, उनके नाखुनों से उनके पेट में चले जाते हैं. इस दवा से बच्चों के पेट में सामान्यता पाए जाने वाले तीन तरह के कीड़े राउंड वर्म तथा व्हिपवर्म का उन्मूलन संभव है. इससे बच्चों के पोषण-स्तर सहित उनके शरीर तथा मस्तिष्क का समुचित विकास काफी हद तक प्रभावी होगा.
दिल्ली सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान "डी वर्म दी वर्ल्ड" के संयुक्त प्रयास से इस योजना को अमल में लाया जा रहा है. "डी वर्म दी वर्ल्ड" संस्था के श्रीराम राघवन का कहना है ," ये काफी बड़ा अभियान है.छह महीने पहले हमने बिहार में इससे बड़ा अभियान चलाया था, उसमें एक करोड़ 70 लाख बच्चों को दवा की खुराख दी गई थी. ये काफी सफल अभियान था और उम्मीद है कि दिल्ली के अभियान को भी ऐसी ही सफलता मिलेगी." इससे पहले नवंबर में ही दिल्ली सरकार ने विद्यार्थियों की चिकित्सा जांच का व्यापक अभियान शुरु किया था.इस अभियान का नाम चाचा नेहरू सेहत योजना रखा गया था.
सरकार का ये ताज़ा अभियान भी चाचा नेहरु सेहत योजना के तहत ही है."डी-वर्म द वर्ल्ड' संस्था वर्ष 2009 में स्थापित की गई थी .इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी है तथा वर्तमान में 27 देशों मे यह संस्था कार्यरत है.

1 टिप्पणी:
बच्चों को दबाई खाने मुख्य मंत्री के आवास पर जाता पड़ता है, शिला दीक्षित सिर्फ वोट मांगे उनके घर जाती है - वाह रे भारतीय राजनीति
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