
उत्तर प्रदेश में बुधवार से प्रचार अभियान शुरू करने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मायावती सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पांच साल तक घोटाले करने के बाद चुनाव से ठीक पहले मंत्रियों को बर्खास्त करना जनता को धोखा देना है। गोंडा में जनसभा को सम्बोधित करते हुए सोनिया ने कहा, "पांच साल तक राज्य में घोटाले और भ्रष्टाचार हुए। मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव से ठीक पहले भ्रष्टाचार के आरोप में अपने 21 मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया। क्या मंत्रियों को हटाने भर से बसपा सरकार के दाग धुल गए? यह जनता के साथ धोखा है, उन्हें ठगने की कोशिश है।"
मायावती सरकार पर केंद्र के धन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सोनिया ने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए पिछले पांच साल में करीब एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा भेजा। लेकिन उस पैसे का दुरुपयोग हुआ और वह गरीबों तथा जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा।" उन्होंने कहा कि किसानों को मुहैया कराने के लिए भेजी गई खाद में लूट हुई। गरीबों के लिए भेजे गए पैसे की कमी नहीं थी, बल्कि राज्य सरकार की नीयत खराब थी। बसपा सरकार को किसान विरोधी ठहराते हुए सोनिया ने कहा, "यहां गरीबों की कोई सुनवाई नहीं है। गरीबों की फरियाद नहीं सुनी जाती। किसान को हमेशा यह डर सताता है कि बसपा की सरकार उनकी जमीन छीनकर कहीं किसी पैसे वालों को न सौंप दे।"
बसपा के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) को भी लपेटे में लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "सपा और भाजपा की सरकारों के जमाने में भी ऐसा ही हुआ। इन्हें (बसपा, सपा और भाजपा) किसानों और गरीबों का दर्द नहीं महसूस होता। तीनों दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।" तीनों दलों को उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन का जिम्मेदार करार देते हुए सोनिया ने कहा, "पिछले 22 साल से यहां उत्तर प्रदेश की तरक्की नहीं हुई। गैर कांग्रेसी सरकारें विकास के काम करने के बजाय प्रदेश में तबाही लाई हैं।" सोनिया ने लोगों से वादा करते हुए कहा, "यदि अगर चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनती है तो वह गरीबों, मजदूरों, पिछड़ों, किसानों, महिलाओं की सरकार होगी। प्रदेश के हर नागरिक को विकास में भागीदार बनाया जाएगा।"
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