कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के खिलाफ कानुपर में प्रशासन द्वारा केस दर्ज किए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी। पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इसके लिए मायावती सरकार पर हमला बोला है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राहुल के रोड शो की सफलता को देखकर परेशान है। प्रशासन को पहले से ही पता था कि कल महाशिवरात्रि है। उसने ही रोड शो के लिए संबंधित रूट की अनुमति दी थी। हमें पहले से किसी नियम की कोई सूचना नहीं दी गई थी। एसपीजी और प्रशासन के बीच क्या बातचीत हुई हमें यह भी नहीं पता है। हम लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे, कोई अपराध नहीं। कानपुर प्रशासन मायावती के इशारे पर काम कर रहा है। इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, राहुल गांधी कानून को अच्छे से समझते हैं। वह हमेशा कानून के तहत ही कोई कार्य करते हैं। ऐसे में कानून तोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम से साफ झलकता है कि राज्य की मायावती सरकार राहुल के सफल रोड शो को देख कर परेशान है। हम कोर्ट जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे। सिब्बल ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मायावती ने उत्तर प्रदेश में शुरू से ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। उन्होंने राहुल के खिलाफ एफआईआर कराए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहीं भी सीधे इस तरह एफआईआर दर्ज नहीं करा दी जाती। पहले संबंधित व्यक्ति से पूछताछ कर शुरुआती तहकीकात की जाती है। इसीसे एफआईआर के पीछे की मंशा समझी जा सकती है।
राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के शहर अध्यक्ष महेश दीक्षित और कुछ समर्थकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए धारा 188, 283 और 290 के तहत कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। कानपुर में पांचवें चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है। आरोप है कि राहुल गांधी ने २० किलोमीटर तक रोड शो करने की अनुमति ली थी लेकिन राहुल गांधी का काफिला उन इलाकों से भी गुजरा जहां की इजाजत प्रशासन से नहीं ली गई थी। काफिला उन रास्तों से भी गुजरा जहां महाशिवरात्रि की प्रशासनिक व्यवस्था के तहत धारा 144 लगाई गई थी।

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