विदेशी बैंकों में जमा राशि पर संपत्ति कर लग सकता है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह पहल सरकार के काले धन की उगाही के अभियान का हिस्सा होगी। यह प्रस्ताव प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) विधेयक का हिस्सा है जिस पर एक संसदीय समिति विचार कर रही है। मंत्रालय ने कहा कि संपत्ति कर योग्य परिसंपत्ति के दायरे में किसी व्यक्ति द्वारा देश से बाहर के बैंक में जमा की गई राशि आएगी। अन्य मामलों में बैंकों में ऐसा जमा धन जिसकी सूचना संबंधित विभागों को न दी गई हो, इसके दायरे में आएगा।
दस्तावेज में कहा गया कि डीटीसी में एक सूचना की अनिवार्यता की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत करदाता के भारत से बाहर के निवेश का ब्यौरा देना होगा। इसके अलावा नई कर प्रणाली में करदाता को किसी विदेशी ट्रस्ट या कंपनी में भागीदारी को भी कर लगाने योग्य परिसंपत्ति करार देने का प्रस्ताव किया गया है।
विधेयक में एक करोड़ रुपये से अधिक की कुल परिसंपत्ति पर एक फीसद का संपत्ति कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में संसद में इन प्रावधानों को मंजूरी मिल जाएगी। इनमें से कुछ प्रवधानों को 16 मार्च को पेश हो रहे बजट में शामिल किया जा सकता है। फिलहाल संपत्ति कर का सरकारी खजाने में योगदान बहुत कम है।

1 टिप्पणी:
बस ऐसे ही सारा काला धन वापस आ जायेगा, बाकी सब टापते रह जायेंगे..
एक टिप्पणी भेजें