भारती एयरटेल अमेरिकी चिप मेकर क्वालकॉम के चौथी पीढ़ी का लाइसेंस करीब 6,000 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। इस बातचीत के सफल होने पर भारती देश के दो सबसे अहम बाजारों दिल्ली और मुंबई में तुरंत 4जी सेवाएं लॉन्च कर सकेगी। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि सौदा जून तक हो जाने की संभावना है। इसके तहत दोनों कंपनियों के बीच कुछ टेक्नॉलजी करार भी होंगे। भारती एयरटेल खरीदेगी
चौथी पीढ़ी की स्पेक्ट्रम (4जी) सेवाओं में 3जी के मुकाबले तीन गुना इंटरनेट स्पीड मिलती है और इसके लिए ब्रॉडबैंड एयरवेव्स की जरूरत होती है। 2010 में 4,900 करोड़ रुपए की बोली लगाकर दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और केरल में एयरवेव्स हासिल करने वाली क्वालकॉम ने अपनी भारतीय जेवी में 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए भारती के साथ पिछले साल बातचीत शुरू की थी। जेवी में बाकी दो हिस्सेदार ट्यूलिप टेलिकॉम और जीटीएल इंफ्रा हैं, जिनके पास इसकी 13-13 फीसदी हिस्सेदारी है।
पिछले साल टेलिकॉम विभाग ने अमेरिकी चिपमेकर का परमिट इस आधार पर रद्द कर दिया था कि उसने नीलामी में जीतने के तीन महीने के भीतर लाइसेंस के लिए अनिवार्य आवेदन नहीं किया। इसके बाद दोनों कंपनियों के बीच बातचीत स्थगित हो गई। टेलिकॉम विभाग ने यह भी आरोप लगाया था कि क्वालकॉम ने परमिट के लिए चार अलग-अलग कंपनियों के नाम से आवेदन किया, जिससे नीलामी के निदेर्शों का उल्लंघन हुआ। हालांकि पिछले महीने टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट ने क्वालकॉम की भारतीय इकाई के पक्ष में फैसला दिया और अब उसे 10 दिनों के भीतर स्पेक्ट्रम मिल जाने की संभावना है। इसके बाद भारती और क्वालकॉम के बीच बातचीत फिर शुरू होने की संभावना बढ़ गई है।
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