1984 में हुए सिख दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही। सिखों के खिलाफ हमले साजिश के तहत होते रहे। सीबीआई ने ये बातें शनिवार को सिख दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान कहीं। जांच एजेंसी दो अप्रैल को सबूत भी पेश करेगी।
सज्जन कुमार पर दंगों के दौरान सिखों के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेआर आर्यन की अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई वकील आरएस चीमा ने कहा कि दंगे के दौरान करीब 150 शिकायतें आई। लेकिन पुलिस ने सिर्फ 5 एफआईआर दर्ज कीं।
चीमा ने कहा कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रही थी जो पीड़ित सिखों को मदद कर रहे थे। दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ितों को मदद पहुंचाने की बात तो दूर है।
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