विधायक झिना हिकाका और इतालवी नागरिक पाओलो बोसुस्को की रिहाई के लिए माओवादियों की ओर से तय अंतिम समयसीमा कल मंगलवार को खत्म होने जा रही है, लेकिन दोनों माओवादी संगठनों की ओर से नयी शर्त रखे जाने से रिहाई पर असमंजस की स्थिति कायम हो गयी है.
बोसुस्को की रिहाई पर असमंजस की स्थिति इसलिए कायम हो गयी है क्योंकि माओवादियों ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि किस तरह जेल में बंद उग्रवादियों को रिहा किया जाएगा.
विधायक का अपहरण करने वाले माओवादी समूह ने भी 30 लोगों की तत्काल रिहाई की मांग रखी है. हिकाका को अगवा करने वाले माओवादियों ने उनकी पत्नी से कहा है कि वह सरकार की ओर से जेल से रिहा किए जाने वाले 30 लोगों के साथ कोरापुट के एक गांव में कल आएं. हालांकि, इस मुद्दे पर राज्य सरकार आज चुप्पी साधे रही. कल रात मीडिया में जारी एक पत्र में माओवादियों की आंध्र ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति ने न सिर्फ ज्यादा संख्या में कैदियों की रिहाई की मांग की बल्कि विधायक की रिहाई के लिए रिहा किए जाने वाले कैदियों की शारीरिक तौर पर मौजूदगी की भी मांग रखी.
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें