मुसलमानों की भागीदारी को लेकर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने नाराज चल रहे दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी के आगे झुकते हुए गुरुवार को उनकी मांगे पूरी करने का अश्वासन दिया। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के बुलावे पर इमाम बुखारी ने दिल्ली से लखनऊ आकर सपा मुख्यालय में उनसे मुलाकात की और अपनी मांगे दोहराई। इस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद थे।
मुलाकात के बाद बुखारी ने अखिलेश के साथ बाहर आकर संवाददाताओं से कहा, 'मैंने सपा प्रमुख से राज्य कैबिनेट में मुसलनमानों की तादाद बढ़ाने, सपा की तरफ से विधान परिषद में कम से कम दो मुसलमानों को भेजने और प्रशासनिक पदों पर मुसलनमानों की भागीदारी बढ़ाने की अपनी मांगें रखी। सपा प्रमुख ने सारी मागों को पूरा करने का भरोसा दिया।' इस दौरान अखिलेश कहा, "आने वाले समय में एक मुस्लिम नेता को विधान परिषद का टिकट देने के साथ, मंत्रमिंडल के विस्तार में कैबिनेट में मुस्लिम समाज की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। सपा सरकार मुसलमानों के हितों का हर स्तर पर पूरा ध्यान रखेगी।"
मुलायम-बुखारी की मुलाकात के बाद तय हो गया है कि सपा की तरफ से विधान परिषद के घोषित उम्मीदवार एंव बुखारी के दामाद उमर खान अगले एक दो दिनों में अपना नामांकन दाखिल कर देंगे, जिनको लेकर पिछले कुछ दिनों से संशय की स्थिति बनी हुई थी। उधर बुखारी पर चुटकी लेते हुए वरिष्ठ सपा नेता आजम खान ने संवाददाताओं से कहा, "बुखारी साहब तोप का लाइसेंस मांगकर छूरी के लाइसेंस के लिए राजी हो गए।" उल्लेखनीय है कि आजम खान और बुखारी के बीच पिछले करीब एक सप्ताह से जुबानी जंग जारी रही है। इसकी शुरुआत तब हुई थी जब इमाम बुखारी ने सपा की तरफ से उनके दामाद को दिए गए विधान परिषद के टिकट को वापस कर दिया था।

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