बिहार में इंदिरा आवास योजना हुआ विफल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 अप्रैल 2012

बिहार में इंदिरा आवास योजना हुआ विफल

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि बिहार में इंदिरा आवास योजना का बुरा हाल है। उसने राज्य में इंदिरा आवास योजना के क्रियान्वयन के तौर तरीकों पर भी सीएजी ने कड़े तेवर अपनाए हैं। संस्था का कहना है कि बिहार सरकार ने इंदिरा आवास योजना के फंड में से 24.01 करोड़ रुपये सिर्फ सेमिनार और बीपीएल परिवार की सूचियों की रिव्यू पर खर्च कर दिए। 

साल 2010-11 के लिए कैग की सिविल कार्य की लेखा परीक्षा में कहा गया है कि 2007 - 08 में योजना के लिए 347.70 करोड़ और 2008-09 में 632.83 करोड रुपये जारी किए गए। इसमें से 10.66 करोड रुपये सिर्फ सेमिनार के आयोजन और 13.35 करोड बीपीएल परिवारों की सूची की रिव्यू पर खर्च कर दिए गए। सीएजी ने कहा है कि केंद्र के हिस्से से 75 फीसदी और शेष 25 फीसदी राज्य के हिस्से से चलने वाली इस आवास योजना से 24.01 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 

कैग ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना का बिहार में इतना बुरा हाल है कि 2006-10 के दौरान मकान की फिजिकल डिवेलपमेंट और जांच रिपोर्ट के बिना ही इंदिरा आवास योजना की अनुदान राशि प्रदान कर दी गई। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2010 में भारत सरकार ने ग्रामीण भूमिहीन परिवारों के आवास बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 53.34 करोड रुपये की राशि मुहैया कराई। रिपोर्ट के अनुसार विभाग के पास भूमिहीन बीपीएल परिवारों की संख्या का मूल आंकड़ा नहीं था इसलिए यह योजना भी लागू नहीं हो पाई। अगस्त 2011 तक इस राशि का उपयोग तक नहीं किया जा सका। 

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