ईपीएफ का ब्याज दर बढ़ने की सम्भावना. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

ईपीएफ का ब्याज दर बढ़ने की सम्भावना.


ईपीएफओ के करीब 5 करोड़ सब्स्क्राइबर्स को फायदा हो सकता है। एंप्लॉयीज़ प्रविडेंट फंड ऑर्गनाइज़ेशन (ईपीएफओ) वित्त वर्ष 2012-13 के लिए ब्याज दर बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला अगले महीने आ सकता है। फाइनैंशल ईयर 2010-11 के लिए ब्याज दर 9.5 पर्सेंट थी, जबकि 2011-12 के लिए इसमें 1.25 पर्सेंट की कटौती कर दी गई। पीएफ पर ब्याज घटने से परेशान करीब 5 करोड़ कर्मचारियों को फाइनैंशल ईयर 2012-13 में 8.6 फीसदी ब्याज मिल सकता है। 

बीते वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ब्याज दर को 9.5 से घटाकर 8.25 पर्सेंट कर दिया था। इसको लेकर ईपीएफओ और सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। ईपीएफ की दर में कटौती उस समय की गई, जब सरकार ने पीपीएफ, जीपीएफ जैसी अन्य स्कीमों पर ब्याज दरें बढ़ाई हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने आलोचनाओं से कुछ सबक सीखा है। इसलिए मौजूदा फाइनैंशल ईयर में वह ईपीएफ पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर सकता है। बीते फाइनैंशल ईयर 2010-11 में संगठन ने 9.5 पर्सेंट की दर से ब्याज दिया था। 

ईपीएफओ के इस फैसले की संसद के भीतर और बाहर काफी आलोचना हुई थी। सूत्रों की माने तो ईपीएफओ चालू वित्त वर्ष में 8.6 पर्सेंट ब्याज देने के लिए आमदनी के अनुमान पर काम कर रहा है। ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की अगले महीने बैठक हो सकती है। सीबीटी की अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं। बैठक में ही ब्याज दरों के मसले पर विचार होगा। चालू वित्त वर्ष में ज्यादा रिटर्न दिए जाने की सबसे बड़ी वजह जनरल प्रविडेंट फंड (जीपीएफ), पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ) और एनएससी जैसी डिपॉजिट स्कीमों पर ब्याज दरों का बढ़ना है। 

सरकार ने इस साल की शुरुआत में जीपीएफ और पीपीएफ पर ब्याज दर आठ से बढ़ाकर 8.6 पर्सेंट कर दी थी। बीते महीने पीपीएफ की ब्याज फिर बढ़ाकर 8.8 पर्सेंट कर दी गई। केंद्र सरकार की ओर से जुलाई, 1975 से शुरू विशेष जमा स्कीम (एसडीएस) की ब्याज दर भी 8.6 फीसदी ही कर दी गई। इस स्कीम में ईपीएफओ ने 55 हजार करोड़ रुपए लगा रखे हैं। ईपीएफओ के ट्रस्टी डीएल सचदेव ने बताया कि संगठन को 8.5 पर्सेंट से ज्यादा के रिटर्न को कायम रखने में परेशानी आ रही है। अब एसडीएस की दर बढ़ गई है तो ईपीएफओ 8.5 पर्सेंट से ज्यादा का ब्याज दे सकता है। केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड की पिछली बैठक में प्रतिनिधियों ने ईपीएफ की ब्याज दरों को पीपीएफ पर मिलने वाली दरों के समान रखने की मांग की थी। सरकार ने बीते महीने पीपीएफ पर ब्याज दर को 8.6 से बढ़ाकर 8.8 पर्सेंट कर दिया है। 

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