कई मुददों पर अपने बीच मतभेदों की खबरों को दरकिनार करने का प्रयास करते और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाते हुए रामदेव और टीम अन्ना ने रविवार को कहा कि आगे की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे। रामदेव ने साथ ही कहा कि वह योग भी सिखाएंगे और भ्रष्टाचार भी मिटाएंगे।
काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ यहां जंतर-मंतर के पास संसद मार्ग पर रामदेव के आंदोलन में अन्ना हजारे अपनी पूरी टीम के साथ शामिल हुए। दोनों पक्षों ने इस मौके पर एक बार फिर केंद्र सरकार के साथ साथ प्रधानमंत्री पर निशाना साधा।
रामदेव ने कहा कि आज हम फिर से वही जंग नए सिरे से शुरू कर रहे हैं जो 14 नवंबर 2010 को जंतर-मंतर पर संयुक्त आंदोलन के साथ शुरू की गई थी। उस दिन रामदेव के साथ अन्ना हजारे, किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण आदि ने राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में कथित घोटालों का विरोध किया था। रामदेव ने कहा कि लोकपाल पर अन्ना को बदनाम करने का प्रयास किया गया तो काले धन के खिलाफ उनके अभियान को भी बाधित करने की कोशिशें हुईं। रामदेव ने कहा कि अब आगे हर लड़ाई मिलकर लड़ी जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी की सभी इज्जत करते हैं लेकिन वह एक लोकतांत्रिक और राजनीतिक पद पर बैठे हैं और जनता उनसे राजनीतिक ईमानदारी की अपेक्षा करती है।
इस मौके पर टीम अन्ना की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान आसान है लेकिन सरकार में उसकी नीयत नहीं दिखाई देती। उन्होंने काले धन को देश में वापस लाने के लिए सख्त कानून की मांग की। उन्होंने रामदेव के आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि अन्ना और रामदेव एक सिक्के के दो पहलू हैं। अब हम एक आवाज रखेंगे। हम सबको एक साथ रहना है। किरण ने प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमने पिछले दिनों सरकार के 14 मंत्रियों को दोषी नहीं कहा था बल्कि उनके खिलाफ शिकायतों का जिक्र करते हुए उन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की थी।
किरण ने यह भी कहा कि चुनाव पहले नहीं हुए तो दो साल बाद 2014 में तो होंगे ही। तब जनता को ऐसे लोगों को वोट देकर जिताना चाहिए जो भ्रष्टाचार के खिलाफ रामदेव और अन्ना के साथ हों। रामदेव ने कहा कि सारे दल और संगठन मिलकर देश के बारे में सोचेंगे और हम किसी राजनीतिक पार्टी को अछूत नहीं मानते। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से टीम अन्ना और रामदेव के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद सामने आते रहे हैं। दोनों पक्षों की ही संघ और भाजपा से करीबी की बात कही जाती रही है। रामदेव के आंदोलन के मंच पर सुभाष चंद्र बोस, शिवाजी, रामप्रसाद बिस्मिल, सरदार पटेल तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य कई महापुरुषों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक रहे गुरू गोलवलकर की तस्वीर भी दिखाई दी।
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