कोल ब्लाक से कालिख नीतीश भी,बिहार भी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

कोल ब्लाक से कालिख नीतीश भी,बिहार भी


कोयले की कालिख से बिहार का चेहरा भी काला हुआ. कोल ब्लॉक आवंटन में बदनाम मनोज जयसवाल पर नीतीश सरकार मेहरबान है. इसकी कंपनी अभिजीत ग्रुप के जस इंफ्रास्टकचर पावर लि. को बांका के बौंसी में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए बिहार सरकार तमाम नियम कायदा कानून को ताक पर रख सहयोग कर रही है. सूचना अधिकार कार्यकर्ता महेन्द्र यादव राज्य सरकार पर पक्षपात का यह आरोप लगाते हैं. इसी थर्मल पावर प्लांट के लिए राज्य सरकार की सिफारिश पर उसे झारखंड के महुआगढ़ी में कोल ब्लॉक मिला. राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड ने मार्च 2007 में इस कंपनी को थर्मल प्लांट लगाने की स्वीकृति प्रदान किया. उसी साल नवम्बर माह में इसे कोल ब्लॉक अवांटित किया गया. गौरतलब है कि इस तथाकथित अवैद्य आवंटन के मामले में मनोज जयसवाल के ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे. उसके बाद उस के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज किया गया है.
महेन्द्र यादव ने आरटीआई का इस्तेमाल कर बिहार सरकार और मनोज जयसवाल की कंपनी के संबंध में जो जानकारी जुटाये हैं, वह चैंकाने वाले हैं. यह कंपनी अपने उत्पादित बिजली में से अधिकतम 25 प्रतिशत ही बिहार को देगी. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी पर बिहार में लगने वाले संयंत्रों से उत्पादित बिजली के पचास प्रतिशत राज्य को देने का दबाव बनाते रहे हैं. इसी साल मई माह में बिहार से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिलकर एनटीपीसी की स्थानीय ईकाई में उत्पादित बिजली का पचास प्रतिशत राज्य को दिये जाने का आग्रह किया था. इसके बाद बाढ़ एनटीपीसी में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाकर ग्यारह सौ से अधिक मेगावाट कर दिया गया. वहीं एनटीपीसी के अन्य प्रोजेक्ट में 69 फीसदी बिजली देने पर सिद्धांततः सहमति बनी थी. तो फिर राज्य सरकार मनोज जयसवाल जैसे बदनाम उद्योगपति पर क्यों मेहरबान है!
अभिजीत ग्रुप की जस इंफ्रास्टकचर पावर लिमिटेड के साथ बिहार सरकार ने एमओयू पर दस्तख्त किये हैं. उसके दास्तावेज बिहार खोज खबर डॉट कॉम के पास उपलब्ध हैं. उसमें बताया गया है कि उक्त कंपनी को बांका के बौंसी में 1215 मेगावॉट क्षमता का थर्मल पावर प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति दी गई थी. लेकिन इसी बीच राज्य मंत्रिमंडल बगैर एमओयू में परिवर्तन किये, उसे 2640 मेगावाट बिजली उत्पादन की अनुमति प्रदान कर दिया. एक और दिलचस्प मामला है कि जस इंफ्रास्टकचर पावर लि. नागपुर की कंपनी अभिजीत ग्रुप का एक भाग है. अभिजीत ग्रुप की कुल जमा पुंजी मात्र 450 करोड़ रूपये है. लेकिन राज्य सरकार ने के साथ 6500 करोड़ की लागत से बनने वाले थर्मल प्रोजेक्ट के करार किया है. राज्य सरकार और जस इंफ्रास्टक्चर के बीच हस्ताक्षरित एकरारनामे अर्थात एमओयू में इसका स्पष्ट जिक्र है.

---अमित कुमार---
साभार : बिहार खोज खबर डोट कोम 

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