बिहार के मुंगेर में पुलिस ने एक युवक को पिटाई करके बेहोश कर दिया और फिर रिक्शे में लादकर उसके सीने पर जूता रखकर ले गई. यह सच है कि अपराधी को सज़ा मिलनी चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि अपराधी या फिर किसी आरोपी के साथ जो व्यवहार हो उसमें अमानवीयता का चेहरा न दिखाई पड़े.
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि पुलिस अपराधियों के साथ ऐसा सलूक कर बैठती है जिससे इंसानियत ही शर्मसार हो जाती है. बिहार के मुंगेर में पुलिस ने एक आरोपी युवक के साथ ऐसा व्यवहार किया जिससे इंसानियत तो शर्मसार हुई ही बल्कि इसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता.
एक युवक की एक दूसरे युवक के साथ लड़ाई हो गई थी. झगड़े में इसने गोली मारने की धमकी दे दी जिसके आरोप में पुलिस ने इस युवक को पकड़ लिया. पहले तो पुलिसवालों ने इस युवक की जमकर धुनाई की जिससे वह बेहोश हो गया. पुलिसवालों का दिल अभी भी नहीं भरा तो बेहोश युवक को इन्होंने घसीटते हुए एक रिक्शे के पायदान पर लिटा दिया. फिर एक पुलिसवाला रिक्शे पर चढ़ कर बैठ गया और युवक को अस्पताल ले जाने लगा. लेकिन हद तो तब हो गई जब पुलिसवाला अपना पैर इस युवक के सीने पर रखकर बैठा.
लेकिन पुलिसिया ज़्यादितियों का अभी अंत नहीं हुआ था. अस्पताल पहुंचकर युवक को स्ट्रेचर पर ले जाने के बजाय उसे बालों से घसीटते हुए बिस्तर तक पहुंचाया गया. एक तो युवक बेहोश था जिस पर पुलिसवालों ने ज़रा भी ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा, ऊपर से उसके बाल पकड़ कर घसीटना कितना दर्दनाक हो सकता है इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें