बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर राज्य के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली संकट से जुझ रहे प्रदेश के लिए कोल लिंकेज की मांग लगातार किए जाने के बावजूद इसे नहीं दिया गया जबकि कोयला ब्लॉक का आवंटन नियमों की अनदेखी करते हुए कई ऐसी कंपनियों को किया गया जिससे एक बड़ा कोयला घोटाला हुआ।
कुमार ने शनिवार को यहां जयप्रकाश नारायण प्रौद्योगिकी संस्थान (अभियंत्रिकी महाविद्यालय) का उद्घाटन करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य को विद्युत के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लंबे समय से कोल लिंकेज की मांग करती रही है लेकिन इसके बावजूद केन्द्र ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। वहीं दूसरी ओर सारे नियमों को ताक पर रखकर कोयला ब्लॉक कई कंपनियों को दिया गया है जो अब बड़े घोटाले के रूप में सामने है। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा राज्य के हितों की अनदेखी लगातार किए जाने के बावजूद बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चुनौतियों को अवसर में बदलने में विश्वास रखते है। राज्य में व्याप्त विद्युत संकट को उन्होंने चुनौती के तौर पर लिया है और इसके समाधान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है।
नीतीश ने कहा कि यदि वह राज्य में व्याप्त विद्युत संकट का समाधान करने में विफल रहते है तो वर्ष 2015 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता के बीच वोट मांगने नहीं जाएंगे। समारोह को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूढ़ी बिहार विधान परिषद के उप सभापति सलिम परवेज, राज्य के विज्ञान एव प्रौद्योगिकी मंत्री गौतम सिंह, श्रम मंत्री जर्नादन सिंह सीग्रीवाल, पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू, विधायक विनय सिंह एवं अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
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