बेरोजगारी भत्ता देने के ऐलान के दम पर यूपी की सत्ता में आई अखिलेश सरकार आज बेरोजगारी भत्ता बांटा। इसके लिए आज लखनऊ में एक बड़ा आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और खुद मुलायम सिंह चुनिंदा बेरोजगारों को भत्ता बांट कर योजना की शुरुआत की। दरअसल समाजवादी पार्टी की नजर अब 2014 के लोकसभा चुनावों पर है, लिहाजा बेरोजगारी भत्ता बांटने का कार्यक्रम काफी जोर शोर से किया जा रहा है। पार्टी की कोशिश इस मुद्दे को बनाए रखने की है।
लखनऊ का कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज को सजाया संवारा गया था। सुरक्षा के पुख्ता इंतजांम भी किए गए थे। अखिलेश सरकार ने इसी मैदान से बेरोजागारी भत्ता बांटने की शुरुआत की। मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव की ताजपोशी के बाद इसे यूपी में इस सरकार का सबसे बड़ा आयोजन बताया जा रहा है। लिहाजा अधिकारी दिन रात एक कर कार्यक्रम स्थल को दुरूस्त करने में जुटे थे। कार्यक्रम में एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी मौजूद थे। इसके अलावा सरकार के सभी मंत्री और पार्टी पदाधिकारी भी इस समारोह में शिरकत की।
असल में यूपी सरकार की कोशिश है बेरोजगारी भत्ता बांटने के इस कार्यक्रम को यादगार बनाया जाए। ताकी पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए जनता के बीच जाए। समाजवादी पार्टी का मानना है कि बेरोजगारी भत्ते की आस ने ही 2012 में बड़ी तादाद में युवाओं को एसपी से जोड़ा जिसका नतीजा बड़ी जीत के तौर पर मिला। इसलिए सरकार चाहती है कि पहले दिन यानी कि नौ सितंबर को बड़ी तादाद में बेरोजगारों को भत्ता मुहैया करा दिया जाएं। मुख्यमंत्री के हाथों भत्ता बांटे जाने के बाद अधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने-अपने इलाके के बेरोजगारों को भत्ता बांटेंगे।
सरकार ने भत्ता देने के लिये पूरे प्रदेश से कुल 96 हजार बेरोजगारों को चुना है। इनमें से 10,256 लोगों को पहले चरण में बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। इनमें 50 लोगों को मुख्यमंत्री खुद अपने हाथों से भत्ते का चेक देंगे। समारोह स्थल तक बेरोजगारों को लाने के लिए स्पेशल बसें चलाई गयी हैं। ये नौजवान आसपास के इलाकों से आएंगे। समारोह में आने वाले बेरोजगारों के स्वागत से लेकर उनके नाश्ते पानी तक का इंतजाम सरकार की तरफ से किया गया है। सरकार की कोशिश है कि समारोह के बाद ये बेरोजगार जब अपने अपने इलाकों में लौटें तो सरकार का गुणगान करते हुए लौटें।
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