टिहरी उपचुनाव : हिट बैटिंग से पिछड़ती BJP - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 6 अक्टूबर 2012

टिहरी उपचुनाव : हिट बैटिंग से पिछड़ती BJP


देश में बढ़ती महंगाई, यूपीए सरकार का भ्रष्टाचार राज्य सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश, लेकिन इसके बाद भी टिहरी उपचुनाव में भाजपा कांग्रेस के खिलाफ हिट बैटिंग करती हुई नजर नहीं आ रही। जबकि टिहरी लोकसभा की जनता भाजपा के पक्ष में खुलकर मतदान करने को तैयार देखी जा रही है। वहीं सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी भी सामने आ रही है।

बीते दिवस टिहरी के चमियाला क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य को स्थानीय जनता का खासा विरोध झेलना पड़ा था। उपचुनाव में साकेत बहुगुणा टिहरी लोकसभा के लिए अंजान चेहरे के रूप में थे, लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस ने पूरे लोकसभा क्षेत्र में साकेत बहुगुणा के नाम को आम मतदाता तक पहुंचाने काम किया, लेकिन कई जगहों पर कांग्रेस को सफलता हाथ नहीं लगी और उत्तरकाशी में सबसे ज्यादा सरकार के खिलाफ विरोध खुलकर सामने आया। इसके साथ ही टिहरी के कई क्षेत्रों में भी सरकार को समर्थन मिलता नजर नहीं आया, लेकिन भाजपा अपने मैनेजमेंट में कमजोर पड़ती हुई जरूर दिख रही है। सरकार के खिलाफ जिस तेज गति से भाजपा को प्रचार करना था, उसे नहीं किया जा सका। जिस कारण कांग्रेस अपने मैनेजमेंट में भाजपा से आगे निकलती हुई देखी गई। टिहरी लोकसभा में सरकार के खिलाफ विपरित हवा के बाद भी भाजपा कांग्रेस की हार का कोई तोड़ निकालती हुई नजर नहीं आ रही और देहरादून शहर में कैंट विधानसभा को छोड़कर किसी भी विधानसभा में भाजपा का प्रचार तेजी से होता नहीं दिख रहा है। 

हमेशा से ही मैनेजमेंट को तेज माने जाने वाली भाजपा टिहरी उपचुनाव में कमजोर क्यों नजर आ रही है, इसे लेकर भी राजनीति के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि टिहरी के उपचुनाव में भाजपा के कई नेता कांग्रेस के खिलाफ प्रचार नहीं करना चाहते और यही कारण है कि भाजपा कांग्रेस को टिहरी के उपचुनाव में हराने के लिए जोर आजमाईश करती नजर नहीं आ रही, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस करो या मरो की स्थिति के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में सफल होती दिख रही है, लेकिन नाराज खेमें की दूरियां टिहरी लोकसभा से होने का नुकसान भी कांग्रेस को मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। चकराता विधानसभा से विधायक प्रीतम सिंह अपने क्षेत्र में अपनी राजनैतिक जमीन को बचाने के लिए ऐढ़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, क्योंकि यहां भाजपा के मुन्ना सिंह चौहान प्रीतम के किले को भेदना चाहते हैं। सितारगंज के उपचुनाव में भी भाजपा मुख्यमंत्री के खिलाफ तेजी से प्रचार करती हुई नजर नहीं आई थी, क्योंकि वहां की परिस्थितयां भाजपा के अनुकूल नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी प्रकाश पंत मुख्यमंत्री के सामने अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे थे, लेकिन टिहरी लोकसभा की परिस्थितियां भाजपा के पक्ष में होने के बाद भी जिस तरह से भाजपा टिहरी में हिट बैटिंग करती हुई नजर नहीं
आ रही, उससे कई शंकाओं को जन्म मिलता भी दिख रहा है। 

माना जा रहा है कि भाजपा के कुछ नेता चाहते हैं कि साकेत बहुगुणा टिहरी के उपचुनाव में विजयश्री हासिल कर जाएं और महारानी को हार का मुंह देखना पड़े। हालांकि की भाजपा संगठन कई नेताओं पर नजर रखकर इसकी जानकारी हाईकमान तक पहुंचाने में जुटा है, लेकिन जिस तरह की जानकारी टिहरी लोकसभा से मिलती हुई नजर आ रही है, उससे तो लगता है कि भाजपा अपने मैनेजमेंट को लेकर पिछड़ गई है। वहीं कांग्रेस अपनी कमजोर विधानसभाओं में प्रचार को गति देकर वहां जीत दर्ज करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, क्योंकि टिहरी का उपचुनाव मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं और यदि टिहरी उपचुनाव में कांग्रेस विजयश्री हासिल करती है तो कई कांग्रेस के नेताओं के पर भी कतरे जाने तय हैं। हालांकि कांग्रेस के अंदर कई विभिषण मौजूद हैं, अब देखना होगा कि वह टिहरी के उपचुनाव में साकेत को अभिमन्यु बना पाते हैं या नहीं। पूर्व में लोकशाही बना राजशाही का नारा देकर कांग्रेस टिहरी उपचुनाव में गई थी और धीरे-धीरे इस चुनाव को जीतने का दावा करती हुई नजर नहीं आ रही थी, लेकिन भाजपा के बिगड़े मैनेजमेंट ने कांग्रेस को संजीवनी प्रदान कर दी है।

(राजेन्द्र जोशी)

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