केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी तथा रसोई गैस सिलिंडर का कोटा तय किए जाने को मजबूरी में उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार इन पेट्रोलियम पदार्थों पर सब्सिडी को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है।
खुर्शीद ने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी तथा रसोई गैस सिलिंडर का कोटा तय करना सरकार की मजबूरी थी। उन्होंने कहा कि इस कदम से पहले दो लाख करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था लेकिन अब भी एक लाख 60 हजार करोड़ का घाटा सहन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना तथा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान जैसी केन्द्रीय योजनाओं से जनता को लाभ हो रहा है लेकिन अगर सरकार का घाटा बढ़ता रहा तो इन जनोपयोगी योजनाओं को मजबूरन बंद करना पड़ेगा।
सलमान खुर्शीद ने कहा कि सरकार आने वाले समय में रसोई गैस समेत पेट्रोलियम पदार्थों पर दी जा रही सब्सिडी को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को अंतिम रपट नहीं माना जा सकता। खुर्शीद ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट को संसद की लोक लेखा समिति और संसदीय बोर्ड के समक्ष रखने के बाद ही संसद में पेश किया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें