बिहार के अनुबंध पर आधारित नियोजित शिक्षकों ने मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर अपनी मांगों के समर्थन में राज्य के प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया और रैली निकाली। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि सभी जिला मुख्यालयों के शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में निकाली गई रैली के बाद मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला पदाधिकारियों को सौंपा।
उन्होंने कहा कि मांगों को नहीं पूरा किए जाने की स्थिति में आंदोलन के दूसरे चरण में 30 अक्टूबर से दो नवंबर तक शिक्षक काला बिल्ला लगाकर अध्यापन कार्य करेंगे तथा तीन नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया जाएगा। 10 नवम्बर को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना दिया जाएगा।
संघ के महासचिव केदारनाथ पांडेय का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अधिकार यात्रा के दौरान खगड़िया और बेगूसराय में हुई हिंसा के लिए किसी भी स्थिति में अनुबंध पर नियोजित शिक्षक दोषी नहीं हैं। शिक्षक तो केवल अपनी मांग नौकरी के स्थायीकरण और मानदेय की वृद्घि की मांग को लेकर गए थे। इसके बाद भी शिक्षकों को दोषी मानकर दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
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