भाजपा नेता उमा भारती ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) अपनी जवाबदेही में विफल रहा है और अब गंगा नदी के संरक्षण और स्वच्छता के लिए एक राष्ट्रीय कानून बनना चाहिए।
गंगा को स्वच्छ बनाये रखने और संरक्षण के लिए गंगा समग्र यात्रा पर निकली उमा भारती ने कहा कि गंगा नदी को स्वच्छ बनाये रखने और उसके संरक्षण के लिए संसद से कानून बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) अपने दायित्व को पूरा करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा समग्र अभियान के तहत 725 सांसदों से गंगा नदी पर कानून बनाने के लिए समर्थन मांगा गया है। दलगत भावना से उपर उठकर सभी ने गंगा के संरक्षण के प्रति समर्थन जताया है। अब केंद्र सरकार को फैसला करना है।
उमा भारती ने पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में 21 सितंबर को यह यात्रा शुरू की थी और यह 22 अक्टूबर को उत्तराखंड के गंगोत्री में समाप्त होगी। भाजपा नेता ने कहा कि गंगा की अविरल धारा और उसके जल की रोगमुक्ति वाली विशेषता को बचाये रखने के लिए गंगोत्री, मंदाकिनी और अलकनंदा जैसी धाराओं पर 30 किलोमीटर तक बांध नहीं बनने चाहिए। इससे गंगा जल की विशेषता प्रभावित होती है।
उमा ने कहा कि गंगा समग्र यात्रा किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है। यह लोगों के जीवन के आधार गंगा को बचाने के लिए है। वह इसका राजनीतिक विश्लेषण नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने भी गंगा नदी अभियान का समर्थन किया है। गंगा देश का आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आधार है। यह व्यापार के लिए संपर्क सूत्र था और एशिया के देश भी व्यापार की गतिविधि से जुडे थे। उमा भारती ने कहा कि गंगा समग्र यात्रा के तहत गंगा नदी पर वैज्ञानिकों का भी एक सम्मेलन नई दिल्ली में होगा। इसमें व्यापक विचार-विमर्श के बाद जो निष्कर्ष उभर कर सामने आयेंगे उसे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सौंपा जाएगा।
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