देवघर स्थित ईसीएल की चितरा कोलियरी के गिरजा खदान में उच्च शक्ति के विस्फोट से भवानीपुर गाँव के एक दर्जन मकानों में दरार आ गयी है. ग्रामीणों का आरोप है कि कोलियरी प्रबंधन से मनमाने तरीके से विस्फोटक का प्रयोग किया जाता है जिससे पहले भी गाँव में क्षति हो चुकी है. हालांकि कोलियरी प्रबंधन ग्रामीणों की सहमति से खनन कार्य किये जाने की बात कर रहा है. विरोध में ग्रामीणों ने उग्र हो कर कोलियरी में खनन कार्य बाधित कर दिया है.
ईसीएल की चितरा कोलियरी में खनन के लिए किये जा रहे विस्फोट से आस-पास के मकानों में दरारें आने लगी है. बुधबार की शाम कोलियरी के गिरिजा खदान में उच्च शक्ति के विस्फोट से पास का भवानीपुर गाँव पूरी तरह हिल गया. विस्फोट से लोग दहशत में अपने घरों से निकल कर बाहर आ गए-कोलियरी प्रबंधन के इस मनमानेपूर्ण रवैये से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. विरोध में ग्रामीणों ने इस खदान में खनन कार्य ठप्प करा दिया है.
ईसीएल की चितरा कोलियरी में प्रत्येक वर्ष लाखों टन कोयले का उत्पादन होता है. लेकिन इस कोलियरी के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण का मामला वर्षों से लंबित होने के कारण खदान आस-पास के गांवों तक पहुँच गया है. ताज़ा घटना के बाद कोलियरी प्रबंधन भी सकते में है और उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है.
इस कोलियरी से सरकार को प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन इस कोलियरी के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के प्रति ना तो राज्य सरकार गंभीर है और ना ही कोलियरी प्रबंधन.
नतीजा है ग्रामीणों और कोलियरी प्रबंधन की आपसी टकराहट. ऐसे में हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने वाली इस कोलियरी के भविष्य पर ही प्रश्नचिन्ह लगने लगा है.
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